दंतेवाड़ा: सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए प्रशासन की सराहनीय पहल, गुजार सकेंगे सुकून भरी जिंदगी

दंतेवाड़ा (Dantewada) में नक्सलियों (Naxalites) को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन ने ‘लोन वर्राटू’ यानी ‘घर वापसी’ अभियान शुरू किया है। इसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Surrendered Naxals) को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाएगा।

Surrendered Naxals

जिला प्रशासन ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों (Surrendered Naxals) को खेती के लिए ट्रैक्टर उपलब्ध कराया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) में नक्सलियों (Naxalites) को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन ने ‘लोन वर्राटू’ यानी ‘घर वापसी’ अभियान शुरू किया है। इसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Surrendered Naxals) को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाएगा। वहीं, सुदूर ग्रामीण इलाकों और इनामी नक्सलियों के गांवों में उनके पोस्टर लगाकर सरेंडर करने की अपील भी की जा रही है।

प्रशासन अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Surrendered Naxals) को रोजगार दिलाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। अभी तक उन्हें पुलिस में ही भर्ती मिलती थी। लेकिन, अब वह अपनी पसंद के रोजगार और नौकरी कर सकेंगे। जिला प्रशासन की ओर से नक्सलियों (Naxals) और ग्रामीणों के लिए एक और शुरुआत की गई है।

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प्रशासन ने नक्सलियों से अपील की है कि वह सरेंडर कर मुख्य धारा में लौट आएं। साथ ही कहा है कि जिस गांव से 10 से ज्यादा नक्सली सरेंडर करेंगे, उन्हें प्रशासन की ओर से कृषि उपकरण, ट्रैक्टर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। जिससे वे अपने ही गांव में रहकर खेती कर सकेंगे।

इसी क्रम में जिला प्रशासन ने हाल ही में सरेंडर कर चुके नक्सलियों (Surrendered Naxals) को खेती के लिए ट्रैक्टर उपलब्ध कराया है। दरअसल, जिले के बड़े गुजरा में 8 जुलाई को कई नक्सलियों ने सरेंडर किया था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने प्रशासन से खेती के लिए ट्रैक्टर मांगा था।

जिसके बाद उनके लिए स्व-सहायता समूह जय लय्योर, जय कम्माई (नौजवान अब खेती करेंगे) का गठन कर प्रशासन की ओर से 20 जुलाई को ट्रैक्टर उपलब्ध कराया गया। अब ये आत्मसमर्पित (Surrendered Naxals) नक्सली खुद खेती कर खुशहाली और सुकून से परिवार के साथ अपनी जिंदगी जी सकेंगे। प्रशासन का यह पहल काफी सराहनीय है। इससे प्रभावित होकर अब कई और नक्सली भी लाल आतंक का रास्ता छोड़ कर मुख्यधारा से लौटेंगे।

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