
नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ की बीजापुर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। 11 सितंबर को जिले में 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।

नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ की बीजापुर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। 11 सितंबर को जिले में 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के अफसरों के सामने इन नक्सलियों ने मुख्य धारा से जुड़ने की इच्छा जताई। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 2 महिलाएं और कमांडर तथा डिप्टी कमांडर स्तर के माओवादी भी शामिल हैं। इनमें से 4 पर सरकार ने इनाम भी घोषित कर रखा था। बीजापुर एसपी दिव्यांग पटेल और सीआरपीएफ 170 बटालियन के कमांडेंट आलोक भट्टाचार्य के समक्ष इन नक्सलियों ने सरेंडर किया।
सरेंडर नक्सलियों में माड़ डिवीजन कंपनी नंबर 1 के प्लाटून नंबर 2 का कमांडर दिलीप वड्डे उर्फ चिन्ना शामिल है। दिलीप उर्फ चिन्ना साल 2003 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और गीदम थाने में लूटपाट, कोरापुट ओडिशा में पुलिस लाइन में लूटपाट, जिला नारायणपुर के धौड़ाई थाने में लूट की घटना, पुलिस पार्टी पर अलग-अलग जगह एंबूश लगाकर हमला करने जैसी घटनाओं में वह शामिल था। पुलिस को कई मामलों में इसकी तलाश थी। दिलीप वड्डे पर 8 लाख का इनाम रखा गया था। इसके अलावा सरेंडर करने वालों में डिप्टी कमांडर मड़कम बण्डी शामिल है। मड़कम बंडी उर्फ बण्डू भी माड़ डिविजन में सक्रिय था।
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वह नक्सल संगठन में डिप्टी कमांडर के पद पर काम कर रहा था और प्रशासन की ओर से उसपर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह साल 2010 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और देशी रॉकेट लांचर में विशेषज्ञ है। बीजापुर और नारायणपुर जिले के अलग-अलग थानों में उसके नाम पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके साथ ही सनकी वड्डे उर्फ सुजाता, बुदरी उसेण्डी उर्फ गुड्डी, महेश वासम और विनोद मेट्टा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। सनकी वड्डे पर 2 लाख और बुदरी उसेण्डी पर 1 लाख का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस के मुताबिक सभी को जबरदस्ती नक्सली संगठन में भर्ती करवाया गया था।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक इन्होंने नक्सलियों के खून-खराबा वाली जिंदगी से तंग आकर इस रास्ते को छोड़ने की ठानी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से दो विवाहित जोड़े भी हैं। उन्होंने बताया कि नक्सलियों द्वारा जबरन उनकी नसबंदी करा दी गई थी। इसके अलावा उनके खोखली विचारधारा और शोषण से परेशान होकर उन्होंने आत्मसमर्पण का फैसला लिया।
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आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को प्रशासन की ओर से 10-10 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराई गई। पुलिस के मुताबिक, आत्मसर्मण करने वाले सभी नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह अभियान बस्तर में आईजी विवेकानंद सिन्हा के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। नक्सली उन्मूलन अभियान के तहत प्रशासन द्वारा नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जानिए सरेंडर करने वाले नक्सलियों के बारे में-
1- दिलीप वड्डे, माड़ डिवीजन कंपनी कमांडर, इनाम- 8 लाख रुपए
2- मरकम बंडी, कंपनी नंबर 1 के बी सेक्शन का कमांडर, इनाम- 8 लाख रुपए
3- सनकी वड्डे, पलटन नंबर 2 सदस्य, इनाम- 2 लाख
4- बुदरी उसेण्डी , एलओएस सदस्य, इनाम- 1 लाख
5- महेश वासम, सीएनएम सदस्य
6- विनोद मेटा, सीएनएम सदस्य
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