छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 8 लाख के इनामी सहित 3 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की दंतेवाड़ा (Dantewada) पुलिस (Police) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत 8 लाख के इनामी सहित 3 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है।

Naxalites Surrender

लोन वर्राटू अभियान के तहत जिले में नक्सली लगातार आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, अब तक 107 इनामी सहित कुल 403 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की दंतेवाड़ा (Dantewada) पुलिस (Police) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत 8 लाख के इनामी सहित 3 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है।

पुलिस अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधिकारियों ने 13 अगस्त को यहां बताया कि जिले में आज तीन नक्सलियों राजू उर्फ रोशन ताती (24) जीरा अलामी (42) और कुम्मा बारसे (35) ने छत्तीसगढ़ पुलिस तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर दिया है।

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इनमें से नक्सली राजू के सिर पर 8 लाख रुपए, जीरा के सिर पर 5 लाख रुपए तथा कुम्मा के सर पर 1 लाख रुपए का इनाम है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा से प्रभावित होकर तथा जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) करने का फैसला किया है।

पुलिस के मुताबिक, नक्सली राजू नक्सली संगठन में दण्डकारण्य स्पेशल जोनल सीएनएम उप प्रभारी था। उसके खिलाफ साल 2017 में सुकमा जिले के बुरकापाल गांव के करीब सुरक्षा बलों पर नक्सली हमले की घटना समेत अन्य घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। बुरकापाल की घटना में 25 जवान शहीद हुए थे।

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वह साल 2016 में ग्राम इरपानार (नेलनार क्षेत्र) थाना ओरछा जिला नारायणपुर में हुए पुलिस-नक्सली मुटभेड़ में शामिल था। इसके अलावा नक्सली राजू साल 2014 में ग्राम कसालपाड़ थाना चिंतागुफा जिला सुकमा में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में भी शामिल था।

दूसरा नक्सली जीरा उर्फ सुकलू अलामी पटेलपारा हांदावाड़ा का रहने वाला है। नक्सली संगठन में वह बारसूर एरिया कमेटी सदस्य/एरिया कमेटी, डीएकेएमएस अध्यक्ष था। वह साल 2020 में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ग्राम बेडमा निवासी नेलीराम के घर में लूटपाट करने की घटना में शामिल था।

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इसके अलावा, 2020 के मार्च में ग्राम पाउरनार थाना बांगापाल में गश्त सचिंग पर गई पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल था। 2020 में ही पुलिस मुखबिरी के शक में ग्राम बेड़मा निवासी संतोष कश्यप की हत्या करने की घटना में भी वह शामिल था। साल 2020 में निवासी हांदावाड़ा अकालू करिया को पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या करने की घटना में वह शामिल था।

वहीं, तीसरा नक्सली कुम्मा बारसे संगठन में डीएकेएमएस अध्यक्ष पद पर था। वह साल 2013 में पुलिस पर फायरिंग करने की घटना में शामिल था। जिसमें 2 पुलिस के जवान शहीद एवं 3 जवान घायल हो गए थे। साल 2014 में ग्राम नकूलनार श्यामगिरी मार्ग पर नक्सली बंद के दौरान 5-7 स्थानों पर रोड खोदकर मार्ग अवरोध करने की घटना में शामिल था।

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साल 2015 में बचेली से किरन्दुल मुख्य मार्ग पर नेरली घाटी पर पेड़ काटकर रोड़ अवरोध करने की घटना में भी वह शामिल था। इसके अलावा साल 2016 में सातधार- भांसी मुख्य मार्ग पर ग्राम गामावाड़ा के समीप नक्सली बैनर, पोस्टर, पाम्पलेट लगाने की घटना में शामिल था।

बता दें कि जिले में सक्रिय नक्सलियों की घर वापसी के लिए लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत थाना, शिविरों और ग्राम पंचायतों में संबंधित क्षेत्र के सक्रिय माओवादियों का नाम चस्पा कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अनुरोध किया जा रहा है।

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लोन वर्राटू अभियान के तहत जिले में तेजी से नक्सली मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, अब तक 107 इनामी सहित कुल 403 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।

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