छत्तीसगढ़: बीजापुर में हुए IED ब्लास्ट में 2 नागरिक घायल, CRPF हॉस्पिटल में चल रहा इलाज

बीजापुर में हुए IED ब्लास्ट में 2 नागरिकों के घायल होने की खबर सामने आई है। ये जानकारी बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने दी है।

Bijapur

बीजापुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस बीच बीजापुर में IED ब्लास्ट हुआ है।

बीजापुर में हुए IED ब्लास्ट में 2 नागरिकों के घायल होने की खबर सामने आई है। ये जानकारी बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने दी है।

घायल दोनों नागरिकों को बासागुड़ा के सीआरपीएफ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और यहीं उनका इलाज चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों नागरिकों की हालत खतरे से बाहर है।

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक कई बड़े नक्सली मारे गए हैं और कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सुरक्षाबलों की कार्रवाई ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है, यही वजह है कि नक्सली बौखलाए हुए हैं, और IED ब्लास्ट के जरिए जनता और जवानों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचते रहते हैं।

बता दें कि हालही में खबर सामने आई थी कि सरेंडर करने वाले नक्सली पुलिस की मदद कर रहे हैं और पुलिस को नक्सल ऑपरेशन्स में सफलता मिल रही है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की वजह से नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है। जो नक्सली कभी पुलिसकर्मियों के खून के प्यासे थे, वे अब मुख्यधारा से जुड़े हैं और पुलिसकर्मियों की मदद भी कर रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ जानकारी जुटाने में आसानी हो रही है।

बस्तर में बीते 4 दशकों से नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। नक्सली स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों को अपने संगठन से जोड़ते हैं और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ खड़ा कर देते हैं। ऐसे में पुलिस, सरकार की मदद से इन लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की लगातार कोशिश कर रही है।

Coronavirus: भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 94,62,810, दिल्ली में मौत के आंकड़े खौफनाक

यही कारण है कि सरकार पुनर्वास नीति में समय-समय पर बदलाव भी करती है। इसका पॉजिटव पक्ष ये है कि लाखों रुपए के इनामी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं।

पुलिस इन नक्सलियों को मुख्यधारा से तो जोड़ ही रही है, साथ ही कई नक्सलियों को पुलिस फोर्स में भी भर्ती किया गया है, और ये नक्सली पुलिस के साथ मिलकर नक्सलवाद के खात्मे में लगे हैं।

दरअसल सरेंडर कर चुके नक्सलियों को बखूबी पता होता है कि किस जगह पर क्या स्थिति है। ऐसे में पुलिस को सरेंडर कर चुके नक्सलियों के साथ मिलकर ऑपरेशन करने में परेशानी नहीं होती है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें