Chhattisgarh: संगठन की विचारधारा से तंग आकर बीजापुर में नक्सली ने किया सरेंडर, जवानों की हत्या में रहा है शामिल

बीजापुर जिले में एक नक्सली ने आत्मसमर्पण (Naxalite Surrenders) कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस पर लाल आतंक को छोड़कर यह नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो गया।

Naxalite Surrenders

आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सली (Naxalite Surrenders) को 10 हजार रुपये नकद प्रोत्साहन राशि दी गई।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक नक्सली ने आत्मसमर्पण (Naxalite Surrenders) कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस पर लाल आतंक को छोड़कर यह नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो गया। नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार और प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर स्वतंत्रता दिवस पर इस नक्सली ने सरेंडर करने का फैसला किया।

बता दें कि जिले में पुलिस की ओर से लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सरेंडर करने वाला नक्सली (Naxalite Surrenders) मंगल कुंजाम उर्फ उधम सिंह बीजापुर के गंगालूर थाना के डुवल नेंड्रा का रहने वाला है। वह भामरागढ़ के प्लाटून नंबर-7 का सेक्शन कमांडर था।

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जानकारी के अनुसार, साल 2005 में डीवीसी गंगालूर एरिया कमेटी ने उसे बरगलाकर संगठन में भर्ती किया। इसके बाद गंगालूर और आसपास के एरिया कमेटी के 65 नए कैडरों को प्रशिक्षण के लिए महाराष्ट्र भेज दिया गया।

ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसे साल 2006 में भामरागढ़ प्लाटून नंबर 07 का पार्टी सदस्य बनाया गया। जहां उसने साल 2014 तक काम किया। साल 2014 में घर वापस लौटने के बाद वह नेंड्रा आरपीसी के संरक्षण में काम कर रहा था।

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यह नक्सली कई संगीन नक्सली वारदातों में शामिल रहा है। साल 2007 में मरकानार थाना सातगांव जिला उत्तर गढ़चिरोली में पुलिस पार्टी पर हमले में शामिल था। इस हमले में सी-60 के 15 कमांडों शहीद हो गए थे।

लाहेरी में सी-60 के कमांडों पर पेट्रोलिंग के दौरान अबुझमाड़ की सीमा के पास एंबुश लगाकर हमला करने की घटना में भी यह शामिल था। इस वारदात में सी-60 के 17 कमांडो शहीद हो गए थे। शहीदों में दो एसपीओ शामिल थे।

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वहीं, नक्सलियों ने तीन थ्री नाट थ्री राइफल लूट लिए थे। इसके अलावा, निर्माण कार्य में लगे वाहनों में आगजनी करने की घटना में भी यह नक्सली शामिल रहा है। सलवा जुडुम नेता रघु की हत्या के अलावा साल 2010 में बरदेली में सचिव, पटेल और कोटवार की हत्या में भी इसका हाथ था। आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सली (Naxalite Surrenders) को 10 हजार रुपये नकद प्रोत्साहन राशि दी गई।

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