बिहार: Rohtas में हार्डकोर नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बढ़ते दबाव के बीच 15 अक्टूबर की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के हार्डकोर सदस्य विनोद सिंह खरवार ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उससे कड़ी पूछताछ के बाद 16 अक्टूबर को जेल भेज दिया गया।

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सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बढ़ते दबाव के बीच 15 अक्टूबर की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी ( तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के हार्डकोर सदस्य विनोद सिंह खरवार ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

बिहार के रोहतास (Rohtas) में नक्सलियों के खिलाफ जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सघन अभियान से नक्सली घबरा गए हैं। सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बढ़ते दबाव के बीच 15 अक्टूबर की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के हार्डकोर सदस्य विनोद सिंह खरवार ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उससे कड़ी पूछताछ के बाद 16 अक्टूबर को जेल भेज दिया गया।

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नक्सली विनोद सिंह खरवार

Rohtas पुलिस के मुताबिक, विनोद ने बढ़ रहे पुलिस दबाव के कारण आत्मसमर्पण किया है। पूछताछ में उसने टीपीसी कमांडर अजय राजभर और संगठन को सहयोग करने वाले कई लोगों का नाम भी बताया है। जिस पर Rohtas पुलिस ने जांच कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, 30 सितम्बर, 2015 को कैमूर पहाड़ी पर बसे बंडा गांव के निकट जंगल में टीपीसी नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। टीपीसी नक्सलियों का नेतृत्व कमांडर अजय राजभर कर रहा था।

इस मामले में अजय राजभर समेत पांच नक्सलियों को अभियुक्त बनाया गया था, जिसमें से चार की गिरफ्तारी अभी तक हो चुकी है। वहीं, विनोद की गिरफ्तारी के लिए सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल द्वारा कई बार इसके घर पर छापामारी की गई। पर वह पुलिस के आने की सूचना पर फरार हो जाता था। एक सप्ताह के अंदर लगातार दो दिन सीआरपीएफ 47 वीं बटालियन के सहायक समादेष्टा सुभाष चन्द्र झा, चुटिया थानाध्यक्ष श्रीराम चौबे, नौहट्टा थानाध्यक्ष कृपा शंकर साह के नेतृत्व में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के द्वारा छापेमारी की गई थी।

जिसमें उसके परिजन पर भी विनोद के आत्मसमर्पण के लिए दबाव बनाया गया था। बढ़ते पुलिस दबाव के कारण उसने आखिरकार स्थानीय थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। जिसके बाद 16 अक्टूबर को उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले में एक महीने पहले भी इसी गांव से मुकेश सिंह खरवार और प्रमोद सिंह खरवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बता दें कि कैमूर पहाड़ी पर नक्सलियों की चहलकदमी ना बढ़े और पुन: यहां अपना वर्चस्व कायम न करें, इसके लिए सीआरपीएफ ने अभियान चला रखा है।

पढ़ें: मुजफ्फरपुर पुलिस की विशेष टीम ने एरिया कमांडर सहित दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया

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