
सरेंडर करने के बाद नक्सली (Naxalites) संजय सिंह ने कहा कि नक्सली संगठन युवाओं का माइंड वाश करके उन्हें अपने साथ शामिल कर लेते हैं। नए ज्वाइन किए नक्सलियों को ना ही कोई पैसा मिलता है और ना ही कोई सहयोग मिलता है।
गया: बिहार में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ताजा मामला ये है कि 5 सालों तक गया और औरंगाबाद में आतंक फैला चुके सब जोनल कमांडर और नक्सली संजय सिंह भोक्ता उर्फ राकेश ने सरेंडर कर दिया।
दरअसल 159 बटालियन सीआरपीएफ कैंप में सोमवार को आत्मसमर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। संजय सिंह ने यहीं सरेंडर किया।
सरेंडर करने के बाद नक्सली (Naxalites) संजय सिंह ने कहा कि नक्सली संगठन युवाओं का माइंड वाश करके उन्हें अपने साथ शामिल कर लेते हैं। नए ज्वाइन किए नक्सलियों को ना ही कोई पैसा मिलता है और ना ही कोई सहयोग मिलता है। उन्हें परिवार से भी नहीं मिलने दिया जाता है। ऐसे में वो युवा जो मुख्यधारा से भटकने के बाद नक्सली बन जाते हैं, उनका पूरा जीवन कष्ट में बीतता है।
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नक्सली संजय सिंह ने ये भी बताया कि नक्सल संगठन में युवाओं के साथ दुर्व्यवहार भी होता है और पक्षपात भी किया जाता है। इन्हीं सब चीजों से गुजरकर नक्सली संजय सिंह ने सरेंडर करने का फैसला किया।
नक्सली संजय सिंह ने बताया कि पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही थी, इससे खतरा था। यही वजह है कि हमने सरेंडर कर दिया।
नक्सली संजय सिंह बीते 5 सालों से नक्सली संगठन में सब जोनल कमांडर के रूप में काम कर रहा था। उसने गया और औरंगाबाद में कई वारदातों को अंजाम दिया है।
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