पूर्व नक्सली (Naxalites) नरेश दास बिहार के नवादा की सिरोडाबर पंचायत के चौथा गांव के रहने वाले हैं। साल 2020 के पहले वह गया जोन के पूर्वी क्षेत्र के सबजोनल कमांडर थे। लेकिन अब वह हथियार को पूरी तरह से छोड़ चुके हैं।
पटना: कोरोना का असर हर क्षेत्र में पड़ा है। इससे नक्सली (Naxalites) भी अछूते नहीं हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना ने नक्सली संगठनों की कमर तोड़ दी है, ऐसे में एक हार्डकोर नक्सली हथियार छोड़ ऑटो ड्राइवर बन गया है।
इस शख्स का नाम नरेश दास है और वह बीते साल नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए थे। अब वह मुख्यमंत्री अनुदान पर ऑटो चलाते हैं।
नरेश दास बिहार के नवादा की सिरोडाबर पंचायत के चौथा गांव के रहने वाले हैं। साल 2020 के पहले वह गया जोन के पूर्वी क्षेत्र के सबजोनल कमांडर थे। लेकिन अब वह हथियार को पूरी तरह से छोड़ चुके हैं।
नरेश दास BA पास हैं और कहते हैं कि जब बीते साल उन्होंने कोरोना महामारी से लोगों को मरते देखा तो ये जान लिया कि इससे कोई बचने वाला नहीं है। इसलिए हथियार चलाने का कोई फायदा नहीं है। इसी वजह से उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। अब वह कहते हैं कि अपने बच्चों को नक्सलवाद के रास्ते पर नहीं जाने देंगे।
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