
नक्सल प्रभावित जिलों में ऊर्जा मित्र करेंगे बिजली की समस्या का समाधान।
छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित जिलों के लोगों को अब नक्सलियों के उत्पात के कारण बिजली की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर जैसे जिलों में ‘ऊर्जा मित्र’ की नियुक्ति होने जा रही है। ये ऊर्जा मित्र नक्सलियों द्वारा केबल उखाड़ने, ट्रांसफार्मर जलाने जैसी घटनाएं अंजाम देने पर बिजली कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल सूचना देंगे। जिसके आधार पर उसे यथाशीघ्र दुरुस्त कर लिया जाएगा।
प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर नक्सली सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। बिजली के खंभे उखाड़ देते हैं, ट्रांसफार्मर जला कर ब्लैकआउट कर देते हैं। ऐसी घटनाओं के बाद बिजली विभाग को जल्दी जानकारी नहीं मिल पाती। जिससे ग्रामीण लंबे समय तक अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होते हैं। नक्सल प्रभावित गांवों में ऐसी समस्या आने के बाद सुधार कार्य के लिए ग्रामीणों को कई महीने तक इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि ग्रामीण अपनी समस्या समय पर अधिकारियों तक नहीं पहुंचा पाते। बिजली विभाग के अधिकारी भी नक्सलियों के भय से अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं जा पाते। जिससे उन्हें समय पर जानकारी नहीं मिल पाती है।
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इस समस्या के समाधान के लिए अब ऊर्जा मित्र तैनात किए जाएंगे। ऐसी स्थितियों में ऊर्जा मित्र बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन पर या कार्यालय में जाकर सूचना देंगे। पहले चरण में जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में इसकी शुरुआत होगी। इसके बाद नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव में ऊर्जा मित्र तैनात किए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नक्सल प्रभावित सातों जिलों के प्रत्येक गांव के सरपंच और पंचों को ऊर्जा मित्र की जिम्मेदारी दी जाएगी।
इसका कारण ये है कि वे गांवों में अधिक सक्रिय रहते हैं। ये बिजली संबंधी किसी भी समस्या की जानकारी तुरंत जिम्मेदार अधिकारियों को देंगे। इसके बदले बिजली विभाग इनको मानदेय देगा। विद्युत वितरण कंपनी के चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला के अनुसार, नक्सल क्षेत्र में ऊर्जा मित्र बनाए जा रहे हैं। ऊर्जा मित्र इन इलाकों में बिजली संबंधित किसी प्रकार की समस्या को तुंरत अवगत कराएंगे। जिससे हमारे अधिकारी उसे तुरंत ठीक करा सकेंगे।
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