विकास का पहिया: जमुई-गिरिडीह के सीमावर्ती नक्सल इलाके में 200 करोड़ की योजनाओं से बदल रही तस्वीर

खबर है कि नक्सली (Naxalites) इन विकास कार्यों के दौरान लेवी वसूलने की फिराक में है, इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षाबल पूरी तरह से अलर्ट हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

खबर है कि नक्सली (Naxalites) इन विकास कार्यों के दौरान लेवी वसूलने की फिराक में है, इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षाबल पूरी तरह से अलर्ट हैं।

जमुई: बिहार के जमुई और झारखंड के गिरिडीह के सीमावर्ती नक्सल इलाके (Naxalites Area) में 200 करोड़ की योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं से नक्सली इलाके की तस्वीर बदलेगी और विकास होगा।

इन योजनाओं के तहत 200 से ज्यादा बड़े और छोटे गांवों को सीधे मुख्य पथ से जोड़ा जा सकेगा। ऐसा करने से बिहार और झारखंड के कई गांवों के बीच आवागमन कम समय में पूरा हो सकेगा।

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हालांकि खबर है कि नक्सली (Naxalites) इन विकास कार्यों के दौरान लेवी वसूलने की फिराक में है, इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षाबल पूरी तरह से अलर्ट हैं।

बता दें कि बीते महीने नक्सलियों ने भेलवाघाटी में पोस्टर लगाकर चेतावनी दी थी कि उनकी इजाजत के बिना कोई विकास योजना संचालित नहीं की जाए, अगर ऐसा किया गया तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। खबर है कि यहां नक्सली कमांडर पिंटू राणा का दस्ता सक्रिय है। पिंटू राणा मूल रूप से जमुई के लक्ष्मीपुर का रहने वाला है।

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