नक्सल प्रभावित बस्तर में शांति के लिए की जा रही ये पहल, गांधी जयंती पर हुई अनूठी ई-रैली

गांधी जी के जन्म दिवस यानी 2 अक्टूबर के मौके पर नक्सल प्रभावित (Naxal Area) बस्तर में नई शांति प्रक्रिया की शुरुआत होने जा रही है। इसमें एक अनूठी ई-रैली का आयोजन किया गया, जिसका नाम दिया है- ‘चुप्पी तोड़ो’।

Naxal Area

फाइल फोटो।

नई शांति प्रक्रिया की ओर से बीते 15 अगस्त से ऑनलाइन जनमत संग्रह कराया जा रहा है। गोंडी, हल्बी, हिंदी भाषा में कराए जा रहे जनमत संग्रह में नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) में शांति कैसे आए, इस पर लोगों के विचार लिए गए हैं।

गांधी जी के जन्म दिवस यानी 2 अक्टूबर के मौके पर नक्सल प्रभावित (Naxal Area) बस्तर में नई शांति प्रक्रिया की शुरुआत होने जा रही है। इसमें एक अनूठी ई-रैली का आयोजन किया गया, जिसका नाम दिया है- ‘चुप्पी तोड़ो’। इसकी खासियत यह है कि इसमें नक्सल प्रभावित डेढ़ सौ गांवों के ग्रामीण ऑनलाइन जुड़े।

इस ई-रैली में ग्रामीणों के अलावा विदेशी विशेषज्ञ और फिल्मी हस्तियों ने भी भाग लिया। बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी ने बस्तर में चार दशक से हो रही नक्सली हिंसा के समाधान के लिए नई शांति प्रक्रिया की शुरुआत की है।

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नई शांति प्रक्रिया की ओर से बीते 15 अगस्त से ऑनलाइन जनमत संग्रह कराया जा रहा है। गोंडी, हल्बी, हिंदी भाषा में कराए जा रहे जनमत संग्रह में नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) में शांति कैसे आए, इस पर लोगों के विचार लिए गए हैं। इस सर्वेक्षण के नतीजे भी आज यानी 2 अक्टूबर को जारी कर दिए जाएंगे।

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बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) को लाल आतंक से मुक्त कराने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन हर स्तर पर काम कर रही है। लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वे नक्सलियों के बहकावे में न आएं।

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