झारखंड: ग्रामीणों के प्रयासों और संकल्प से खुशहाल हुआ ‘आरा केरम’ गांव, पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

Jharkhand: इस गांव की खासियत ये है कि यहां की महिलाओं ने जागरुकता फैलाकर इसे नशा मुक्त बनाया है। यहां के लोग खूब मेहनत करते हैं और खुशहाल जिंदगी बिताते हैं।

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झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची का एक गांव ‘आरा केरम’ प्राकृतिक नजारों की खान है। इस गांव की तारीफ पीएम मोदी ने भी की थी। पीएम ने यहां के लोगों को प्रेरणा देने वाला बताया था।

इस गांव की खासियत ये है कि यहां की महिलाओं ने जागरुकता फैलाकर इसे नशा मुक्त बनाया है। यहां के लोग खूब मेहनत करते हैं और खुशहाल जिंदगी बिताते हैं। यहां आदिवासी जनजातियों के लोग सालभर कृषि कार्य करते हैं।

झारखंड (Jharkhand) के इस गांव में रहने वाली सुमन तिर्की कहती हैं कि सामाजिक कुरीतियों को समाज से दूर करने के लिए सबसे पहले शिक्षित होना जरूरी है, इसका मतलब सरकारी सर्विस लेना ही नहीं है, बल्कि शैक्षणिक, मानसिक और आर्थिक रूप से समाज का निर्माण करना भी है।

झारखंड (Jharkhand) के इस गांव की ही ज्योति कहती हैं कि शिक्षा का प्रसार होने के कारण ही आज महिलाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चे, युवक और युवतियां शिक्षा ग्रहण करते हुए भी कृषि कार्य को मन लगाकर करते हैं। इससे खेतों से होने वाली उपज से शुद्ध भोजन के साथ-साथ आर्थिक मदद भी मिलती है।

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इस गांव के बच्चे और युवा मन लगाकर पढ़ाई करते हैं, जिससे गांव को विकास के मार्ग पर ले जाया जा सके। ज्योति बताती हैं कि आरा केरम गांव पहले शराबियों का अड्डा हुआ करता था, कई महिलाएं शराबी पतियों से प्रताड़ित की जा रही थीं, इसे देखते हुए पढ़ी लिखी महिलाओं ने एक टीम बनाई और शराब बनाने वाले और शराबियों के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया। इस टीम ने शराब पीकर आने वाले लोगों का गांव में प्रवेश वर्जित कर दिया।

जिस गांव में कभी शराबी और शराब का कहर फैला हुआ था, वहां अब 200 लीटर दूथ प्रतिदिन का उत्पादन होता है। इस दूध को बेचकर गांव के लोगों की अच्छी आमदनी होती है।

इसके अलावा गांव के लोग सालभर खेतों में मेहनत करते हैं और हरी सब्जियां, दलहन सहित धान और गेहूं का उत्पादन करते हैं।

एक आंकड़े के अनुसार, यहां के 70% किसान सालभर सब्जी की खेती करते हैं। लगभग 35 एकड़ भूमि में डीप इरीगेशन से खेती की जाती है। यहां के लोग वनों को बचाने के लिए भी दूसरों को प्रेरित करते हैं। इसलिए यहां लगभग 400 एकड़ में फैले वन क्षेत्र को भी बचाने के लिए ग्रामीणों द्वारा सख्त नियम अपनाए गए हैं। यही वजह है कि सरकार की नजर में आरा केरम गांव एक आदर्श गांव के रूप में स्थापित हुआ है।

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इस गांव की जागरुक महिलाओं की कहानी के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि देश के अन्य ग्रामीणों को इन महिलाओं से प्रेरणा लेना चाहिए।

इस गांव को आधुनिक रूप से सजाने और संवारने का काम राज्य सरकार ने भी शुरू कर दिया है। इस कारण आज यहां कई सखी मंडल काम करती हैं और गोपालन, बकरी पालन, सुअर पालन और मत्स्य पालन में भी ये गांव अव्वल है।

बता दें कि आरा केरम गांव से कुछ दूरी पर ही हुंडरू जलप्रपात है और यह गांव चारों तरफ से हरे-भरे जंगलों से लबरेज है। इस वजह से यहां पानी की भी कोई कमी नहीं है। हालांकि यहां जल संरक्षण का कोई सिस्टम नहीं था, इसके बाद ग्रामीणों ने जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण की मुहिम भी चलाई।

आरा केरम गांव की सूरत बदलने और संवारने के लिए मनरेगा योजना ने भी बहुत हद तक ग्रामीणों की सहायता की है।

मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी के अनुसार, इस गांव को आदर्श ग्राम में विकसित करने का ग्रामीणों का जज्बा देखते ही दीनदयाल ग्राम योजना के तहत कई छोटी-छोटी योजनाओं का क्रियान्वय किया गया है।

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