Jharkhand: लाल आतंक पर लगाम लगाने को लगाए जाएंगे मोबाइल टावर

झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से चल रहा है। इन इलाकों में विकास की योजनाएं पहुंचाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की सरकार की पूरी कोशिश है।

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फाइल फोटो

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से चल रहा है। इन इलाकों में विकास की योजनाएं पहुंचाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की सरकार की पूरी कोशिश है।

इसी कड़ी में झारखंड (Jharkhand) के नक्सल ग्रस्त इलाकों में 1054 मोबाइल टावर लगाने का प्रस्ताव है। इसके लिए झारखंड (Jharkhand) सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेस विभाग ने एडीजी ऑपरेशन मुरारी लाल मीणा को पत्र लिखकर सभी टावर के लोकेशन के सत्यापन का आग्रह किया गया है।

पत्र में 06 अगस्त. 2019 की बैठक का जिक्र किया गया है, जिसमें मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने के मसले पर विचार विमर्श किया गया था।

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उसी बैठक के आलोक में सभी जिलों से री-लोकेशन के बाद कुल 1054 टावर की संशोधित सूची सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेस विभाग को सौंपी गई है। इधर, मोबाइल टावर के लिए सीआरपीएफ ने भी लोकेशन की सूची उपलब्ध कराई है।

दोनों ही सूची एडीजी ऑपरेशन को भी भेजी गई है, ताकि उसका सत्यापन हो सके और टावर लगाने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जा सके। झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगने से वहां चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस बल को मदद मिलेगी।

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मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से पुलिस बल को आपस में संपर्क करने से लेकर नक्सलियों के लोकेशन का पता लगाने में परेशानी होती रही है। यही कारण है कि पूर्व में भी नक्सली-उग्रवादी मोबाइल टावर को जला देते थे या विस्फोट कर उड़ा देते थे। हालांकि, अब टावर ऐसे जगहों पर लगाए जाने हैं, जहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम हैं और वहां तक नक्सलियों की पहुंच नहीं है।

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