Jharkhand: ‘फूलो झानो आशीर्वाद योजना’ से बदलेगी महिलाओं की किस्मत, सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए की ये पहल

झारखंड (Jharkhand) में वन संपदा के साथ-साथ खनिज संपदाओं का भी अकूत भंडार है। लेकिन नक्सलवाद से ग्रस्त होने के कारण इसके विकास की गति धीमी पड़ गई। पर सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों से बीते 5 सालों में हालात बेहतर हुए हैं।

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झारखंड (Jharkhand) सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नई पहल की है। इसके तहत सरकार ने दो योजनाओं के साथ-साथ एक ब्रांड की भी शुरुआत की है।

झारखंड (Jharkhand) देश का एक ऐसा राज्य है जहां पर वन संपदाओं के साथ-साथ खनिज संपदाओं का भी अकूत भंडार है। लेकिन नक्सलवाद से ग्रस्त होने के कारण इसके विकास की गति धीमी पड़ गई। पर सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों से बीते 5 सालों में हालात बेहतर हुए हैं। सरकार ने महिलाओं की आर्थिक उन्नति के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है।

अब झारखंड (Jharkhand) की सरकार ने महिला सशक्तिकरण की ओर एक कदम आगे बढ़ाते हुए महिलाओं के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम ‘फूलो झानो आशीर्वाद योजना’ है। इसके साथ ही एक नए ब्रांड की भी शुरुआत की गई है जो ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई वस्तुओं को उचित बाजार मुहैया कराएगा।

‘फूलो झानो आशीर्वाद योजना’ से बदलेगी महिलाओं की किस्मत

‘फूलो झानो आशीर्वाद योजना’ खासकर उन महिलाओं को समर्पित है जो मादक पदार्थ हड़िया, दारु आदि बेचती हैं। झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग ने महिलाओं की बेहतरी के लिए इस योजना की शुरुआत की। इसके तहत सखी मंडली को यह काम सौंपा गया कि सर्वे कर वैसी महिलाओं को चिन्हित किया जाए जो हड़िया, दारु के साथ-साथ मादक पदार्थों को बेचकर जीवन यापन कर रही हैं।

विभाग द्वारा ऐसी महिलाओं को उनके मन मुताबिक वैकल्पिक आजीविका के साधन मुहैया कराए जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि नव जीवन मिशन के तहत इन महिलाओं के सर्वे की शुरुआत की गई है। इसमें 15 हजार से अधिक महिलाओं का डेटाबेस तैयार किया जा चुका है।

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इस डेटाबेस के आधार पर आजीविका के साधनों से जोड़कर इन महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा इन महिलाओं को झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत चल रहे आजीविका संवर्धन के विभिन्न कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा।

शुरुआत में इन महिलाओं को आजीविका के स्रोत जैसे खेती-बाड़ी, पशु पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, रेशम उत्पादन, उत्पादों के संग्रहण के साथ-साथ संवर्धन के काम से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा इन महिलाओं को आजीविका के अन्य स्रोतों से जोड़ने की तैयारी भी सरकार द्वारा की जा रही है।

हुनर को बाजार मुहैया कराएगा ‘पलाश ब्रांड’

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने महिलाओं द्वारा बनाई गईं वस्तुओं को बाजार मुहैया कराने के लिए ‘पलाश ब्रांड’ की शुरुआत की। यह ब्रांड महिलाओं को बाजार मुहैया करवाएगी, जिससे महिलाओं द्वारा बनाई गई वस्तुओं को उचित मूल्य पर बेचा जा सके। झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाले जेएसएलपीएस ने ‘पलाश ब्रांड’ को अपना ट्रेडमार्क बनाया है तथा उसे पंजीकृत भी कर चुकी है।

‘पलाश ब्रांड’ के माध्यम से ग्रामीणों की श्रम शक्ति का उचित सम्मान, अच्छी आमदनी और उद्यमिता के क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत उन ग्रामीण महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा, जो विभिन्न उत्पादकों के निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी हुई हैं लेकिन बेहतर कमाई नहीं कर पा रही हैं।

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‘पलाश ब्रांड’ के जरिए सखी मंडल के उत्पादकों को सिंगल ब्रांड के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है। ‘पालश ब्रांड’ के सहारे अब सखी मंडल की महिलाएं जीरा फूल, चावल, अरहर दाल, सरसों तेल, मधु, लेमनग्रास तेल, तुलसी, आटा, साबुन, रिफाइन, मास्क, सैनिटाइजर, अंडा, मटन, चिकेन सहित अन्य उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी।

सखी मंडल की महिलाओं को उधमिता से जोड़ने के लिए जरूरी प्रशिक्षण के साथ ही उनकी जरूरत के अनुसार लोन की व्यवस्था करने का भी प्रावधान किया गया है। बता दें कि ‘आजीविका संवर्धन हुनर अभियान’ अर्थात ‘आशा’ के जरिए राज्य के 17,00,000 ग्रामीणों को आजीविका के सशक्त साधनों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

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वहीं, कृषि आधारित आजीविका जैसे पशुपालन, वनोपज संघ एवं प्रसंस्करण उधमिता समेत स्थानीय संसाधनों से जुड़े स्वरोजगार के अवसर भी ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराए जाने की योजना बनाई जा रही है। मिशन के डेटाबेस में दर्ज 4,71,000 प्रवासियों में से करीब 3 लाख 76 हजार प्रवासियों के परिवारों को ‘आशा मिशन’ के तहत फायदा पहुंचेगा।

इसके लिए विभिन्न योजनाओं के तहत करीब 12 सौ करोड़ की राशि का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) का कहना है कि महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने की शुरुआत सरकार ने कर दी है। दो योजनाओं और एक ब्रांड के शुरू हो जाने से ग्रामीण महिलाओं को काफी लाभ मिलेगा।

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मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘पलाश ब्रांड’ को एक विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने की दिशा में मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। महिलाओं के सशक्तिकरण में ‘पलाश ब्रांड’ मील का पत्थर साबित होगा। राज्य सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल कर दी है।

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वहीं, झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का कहना है कि ‘आजीविका संवर्धन हुनर अभियान’, ‘फूलो झानो आशीर्वाद योजना’ और ‘पलाश ब्रांड’ के जरिए महिलाएं आर्थिक आजादी की ओर आसानी से बढ़ेंगी।

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