Jharkhand: इस नक्सल प्रभावित इलाके के नेत्रहीन बच्चे अब स्मार्ट क्लास के जरिए कर सकेंगे पढ़ाई

विशेष केंद्रीय सहायता मद के तहत उदनाबाद पंचायत के अजीडीह स्थित नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय में 23 मार्च को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने एनी स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया।

Jharkhand

यह झारखंड (Jharkhand) का दूसरा स्मार्ट क्लास है, जहां नेत्रहीन बच्चों के शैक्षणिक विकास की नींव रखी जाएगी। बता दें कि इस स्कूल में कुल 50 बच्चे और तीन शिक्षक हैं।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित गिरिडीह जिले में अब नेत्रहीन बच्चे स्मार्ट क्लास के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे। विशेष केंद्रीय सहायता मद के तहत उदनाबाद पंचायत के अजीडीह स्थित नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय में 23 मार्च को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने एनी स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया।

यह झारखंड (Jharkhand) का दूसरा स्मार्ट क्लास है, जहां नेत्रहीन बच्चों के शैक्षणिक विकास की नींव रखी जाएगी। बता दें कि इस स्कूल में कुल 50 बच्चे और तीन शिक्षक हैं। अब इस स्कूल में भी बच्चों को स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों को डिजिटल रूप से समृद्ध करना है।

कोरोना वायरस की चपेट में आए बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान, खुद को किया क्वॉरंटीन

इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि गिरिडीह जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं सुगम बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित किया गया है। यहां नेत्रहीन बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।

कक्षा में बच्चों के बैठने के लिए सुंदर बेंच और हवा के लिए पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है। साथ ही, आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने की पहल की गई है। आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने की व्यवस्था निश्चित तौर पर बच्चों के लिए नया आयाम साबित होगी।

बिहार: नक्सलियों के बंद के ऐलान पर सुरक्षाबल अलर्ट, सर्च ऑपरेशन में जुटी पुलिस

उपायुक्त बेंगलुरु से आई टीम से बात कर सभी व्यवस्थाओं के बारे में बताते हुए। टीम को जल्द से जल्द सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया, ताकि सुगम तरीके से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराई जा सके। कहा कि वर्तमान में विद्यालय बंद है। जब विद्यालय खुलेगा तो बच्चों को इस डिवाइस के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इसके लिए सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ये भी देखें-

उपायुक्त ने बताया कि हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में यह डिवाइस उपलब्ध है। बेंगलुरु के एक स्टार्टअप थिकर बेल ने इस डिवाइस को तैयार किया है। इसकी मदद से नेत्रहीन बच्चे भी अब सामान्य छात्रों की तरह ही शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें