Jharkhand: प्रदेश के विकास की रफ्तार हुई तेज, ‘भारत माला प्रोजेक्ट’ के तहत बनेंगे दो नए एक्सप्रेस-वे

झारखंड (Jharkhand) में विकास की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लेकर विकास कार्य जोरों पर है। इसी कड़ी में अब प्रदेश में दो नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाएगा।

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भारत सरकार ने ‘भारत माला प्रोजेक्ट’ के तहत झारखंड (Jharkhand) में इन दोनों एक्सप्रेस-वे का चयन किया है। दोनों एक्सप्रेस-वे ‘ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट’ के रूप में तैयार किए जाएंगे।

झारखंड (Jharkhand) में विकास की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लेकर विकास कार्य जोरों पर है। इसी कड़ी में अब प्रदेश में दो नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाएगा। भारत सरकार ने ‘भारत माला प्रोजेक्ट’ के तहत इन दोनों योजनाओं का चयन किया है। दोनों एक्सप्रेस-वे ‘ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट’ के रूप में तैयार किए जाएंगे।

जानकारी के अनुसार, दोनों योजनाओं की भौतिक जांच करा ली गई है। एनएचएआइ जल्द ही इस दिशा में आगे बढ़ेगा। एक एक्सप्रेस-वे छत्तीसगढ़ के रायपुर से बिलासपुर-गुमला-रांची-बोकारो होते हुए धनबाद तक बनेगा, जिसकी लंबाई करीब 707 किमी होगी। इसके तहत ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक की सड़क को ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में शामिल किया जा रहा है।

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वहीं, दूसरा एक्सप्रेस-वे ओड़िशा के संबलपुर से रांची तक बनेगा। इसके तहत ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 146.2 किमी होगी। ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत बननेवाली सड़कें पूरी तरह से नई होंगी। इसमें कहीं सिक्सलेन और कहीं-कहीं फोरलेन सड़कें बनेंगी, जो खेतों-खलिहानों से गुजरेंगी। इस सड़क में कम संख्या में तीखे और घुमावदार मोड़ होंगे।

रायपुर से आनेवाली सड़क को एनएच-33 पर ओरमांझी से सिकिदिरी होते हुए गोला तक निकाला जाएगा। इसके बाद गोला से बोकारो तक ग्रीन फील्ड सड़क बनेगी। इसका एलाइनमेंट जल्द तय किया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि नया एक्सप्रेस-वे बेहतर बने और यह मौजूदा सड़क के बढ़िया विकल्प के रूप में तैयार हो सके।

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बता दें कि ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत खेत-खलिहान से होती हुई सीधी सड़क बनाई जाएगी। इसके निर्माण में रिजर्व फॉरेस्ट को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचाई जाएगी। वहीं, इसके लिए किसी तरह का अतिक्रमण या संरचना हटाने की जरूरत भी नहीं होती है।

इसके लिए ज्यादातर सरकारी भूमि या कृषि भूमि की जरूरत पड़ती है, इसलिए जमीन अधिग्रहण में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। कृषि भूमि होने के कारण मुआवजा राशि भी कम होती है।

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इसके अलावा, टोरी-खलारी सेक्शन पर रेलवे ओवरब्रिज भी बनेगा। एनएच 99 पर स्थित टोरी-खलारी सेक्शन पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। इस मार्ग पर काफी समय से रेलवे ओवरब्रिज बनाने का मामला अटका हुआ था। एनएच झारखंड उपभाग ने इसकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। वहां से स्वीकृति मिलने और रेलवे के साथ सारी प्रक्रियाएं पूरा कर लेने के बाद इसका टेंडर जारी कर दिया गया है।

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