Jharkhand Budget 2021: प्रदेश सरकार ने पेश किया 91,270 करोड़ का बजट, जानें खास बातें

Jharkhand Budget 2021: झारखंड सरकार का बजट 3 मार्च को पेश किया गया। इस बार 10200 करोड़ रुपये राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। इस बार प्रदेश के बजट में सरकार ने आम जनता और विकास को ध्यान में रखा।

Jharkhand Budget 2021

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बजट (Jharkhand Budget 2021) में सरकार ने आम जनता और विकास को ध्यान में रखा है। उम्‍मीद की जा रही है कि यह बजट राज्‍य की आम जनता की आशाओं पर खरा उतरेगा।

Jharkhand Budget 2021: झारखंड सरकार का बजट 3 मार्च को पेश किया गया। इस बार 10200 करोड़ रुपये राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। इस बार प्रदेश के बजट में सरकार ने आम जनता और विकास को ध्यान में रखा। उम्‍मीद की जा रही है कि यह बजट राज्‍य की आम जनता की आशाओं पर खरा उतरेगा।

ये रहीं बजट की खास बातें-

1- मनरेगा मजदूरी में 31 रुपये की वृद्धि होगी। कृषि क्षेत्र को बढ़ावा के लिए 18653 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाना प्राथमिकता होगा।

2- झारखंड कृषि ऋण माफी योजना लाई गई। इसके लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले साल से इस बार का बजट 4900 करोड़ रुपये ज्‍यादा है। सिंचाई के लिए 45.83 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

3- 91,277 करोड़ के बजट में राजस्व व्यय कर के लिए 75,755.01 करोड़ और पूंजीगत व्यय के लिए 15,521.99 करोड़ का प्रस्ताव है। बजट में सामान्य क्षेत्र के लिए 26,734.05 करोड़, सामाजिक क्षेत्र के लिए 33,625.72 करोड़ और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 30,917.23 करोड़ का उपबंध किया गया है।

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4- मछुआरों को अनुदान पर नाव मिलेगा। राज्य को अपने कर राजस्व से 23265.42 करोड़, गैर कर राजस्व से 13500 करोड़, केंद्रीय सहायता से 17891.48 करोड़, केंद्रीकरण में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 22050.10 करोड़, लोक ऋण से 14500 करोड़ एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से करीब 70 करोड़ प्राप्त होने का अनुमान है।

5- चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 6.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अगले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर आने का अनुमान है। 9.5 प्रतिशत की विकास दर अनुमानित की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 10210.87 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो अगले वित्तीय वर्ष की अनुमानित जीएसडीपी का 2.83 प्रतिशत होगा।

6- हर घर पानी मिलेगा। आदिवासी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। आओ पढ़ें और खूब पढ़ें पर सरकार का जोर है। ज्ञान सेतु और ज्ञानोदय योजना शुरू हो रही है। 2021-22 में तीन हजार नए आवास बनेंगे। विकास कार्य में सभी की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

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7- मुख्‍यमंत्री स्‍वच्‍छ विद्यालय पुरस्‍कार योजना शुरू की जाएगी। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पांच योजनाएं शुरू की जाएंगी। बिजली उत्‍पादन में झारखंड आत्‍मनिर्भर बनेगा। शहीदों के जन्‍मस्‍थल आदर्श ग्राम बनेंगे। 2021-22 में 69 एकलव्‍य विद्यालय बनाए जाएंगे।

8- राज्‍य में माइनिंग कॉरिडोर का निर्माण होगा। लघु ग्रामीण योजना के तहत हर घर में पानी पहुंचाने की योजना है। गिरिडीह, धनबाद व देवघर में रिंग रोड बनेंगे। 24 नगर निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना है।

9- विभागवार बजट का आकलन करें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हिस्से में जो विभाग हैं, उनमें समेकित रूप से 13487.43 करोड़ की राशि दी गई है और यह किसी मंत्री को आवंटित विभागों के हिसाब से सर्वाधिक बजट है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के हिस्से 12069.42 करोड़ रुपये का बजट आया है और इसके साथ ही वे दूसरे पायदान पर हैं। बजट पेश करनेवाले रामेश्वर उरांव तीसरे स्थान पर रहे हैं और उनके हिस्से 5906.49 करोड़ रुपये की राशि है। नए मंत्री हफीजुल हसन को सबसे कम 327 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

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