सामुदायिक रेडियो से जुड़ेंगे नक्सल प्रभावित इलाके, 118 नए स्टेशंस को मंजूरी

सामुदायिक रेडियो 10 से 15 किलोमीटर के दायरे के इलाके में लो फ्रीकेंवसी में काम करने वाले एफएम रेडियो स्टेशन हैं। सीआरएस कृषि संबंधी सूचनाओं, मौसम का पूर्वानुमान और फसल संबंधी जानकारियों के लिए उपयोगी साबित होते हैं।

सामुदायिक रेडियो, community radio, prakash javadekar, information and broadcasting ministry, new radio station, sirf sach, sirfsach.in, सिर्फ सच

नक्सल प्रभावित इलाके अब सामुदायिक रेडियो से जुड़ने जा रहे हैं।

नक्सल प्रभावित इलाके अब सामुदायिक रेडियो से जुड़ने जा रहे हैं। जी हां, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 118 सामुदायिक रेडियो को स्वीकृति प्रदान की है। मंत्रालय ने इसके लिए स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। इसमें 16 नक्सल प्रभावित इलाकों में, छह अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाकों में 25 तटीय इलाकों में 17 एस्पिरेशनल जिलों में तीन पूर्वोत्तर राज्य में दो रेडियो स्टेशन जम्मू और कश्मीर के लिए हैं।

जिन्हें सामुदायिक रेडियो शुरू करने का लाइसेंस मिला है उनमें स्वयं सेवी संस्थाएं, सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थाएं, कृषि विज्ञान केंद्र शामिल हैं। यह सभी स्टेशन अगले छह महीने में काम करने लग जाएंगे। केंद्र सरकार की योजना देश भर में 700 जिलों में सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने की है। सरकार का लक्ष्य एक ऐसा संपर्क का साधन विकसित करना है जो सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को आगे बढ़ाने में योगदान कर सके।

सामुदायिक रेडियो 10 से 15 किलोमीटर के दायरे के इलाके में लो फ्रीकेंवसी में काम करने वाले एफएम रेडियो स्टेशन हैं। सीआरएस कृषि संबंधी सूचनाओं, मौसम का पूर्वानुमान और फसल संबंधी जानकारियों के लिए उपयोगी साबित होते हैं। स्थानीय भाषा और कम से कम 50 कार्यक्रमों का प्रसारण कर सकते हैं। उम्मीद है सामुदायिक रेडियो स्टेशन नक्सल प्रावित इलाकों के लोगों में जागरुकता लाएंगे, जिससे इलाके बेहतरी की ओर बढ़ सकेंगे।

यह भी पढ़ें: तेजस ने की सफलतापूर्वक ‘अरेस्टेड लैंडिंग’, नेवी होगी और ताकतवर

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें