Chhattisgarh: बिलासपुर जिले में 3 कॉलेज कराएंगे ‘नैक’ ग्रेडिंग, ये हैं फायदे

मूल्यांकन के बाद यदि कॉलेज को अच्छी ग्रेड मिल जाती है तो वहां हर फैक्ल्टी के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड आएंगे। इस कारण विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन में बहुत फायदा पहुंचेगा।

NACC

नैक (NACC) मूल्यांकन के बाद यदि कॉलेज को अच्छी ग्रेड मिल जाती है तो वहां हर फैकल्टी के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड आएंगे।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले में तीन कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NACC) मूल्यांकन कराएंगे। इनमें शासकीय पीजी कॉलेज तीसरे तो मिनीमाता कन्या और भैसमा कॉलेज दूसरे राउंड में इस प्रक्रिया में शामिल होने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मिलने वाले अनुदान की प्राप्ति और अन्य फंडिंग के लिए कॉलेजों को नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है।

इसके लिए जिले के सभी शासकीय कॉलेजों को प्राथमिकता में लिया गया है। कॉलेज में ग्रेडिंग प्राप्त करने या पूर्व की ग्रेडिंग बढ़ाने या पहली बार मूल्यांकन के माध्यम से ग्रेड हासिल करने के लिए संस्था की गुणवत्ता, सुविधा व संसाधनों पर निर्धारित सभी सात बिंदुओं में तैयारी पर फोकस कर तैयारी की जा रही है।

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कॉलेज प्रबंधन अपनी ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए अक्टूबर या नवंबर में होने वाले नैक (NACC) मूल्यांकन के लिए जुटा हुआ है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जिले के सभी शासकीय कॉलेजों को नैक मूल्यांकन के लिए विशेष तैयारी कराई जा रही है। राज्य गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ ने मूल्यांकन के निर्देश पर चिन्हित कॉलेजों ने शुल्क जमा कर आवेदन प्रस्तुत कर दिया है।

अमूल्यांकित संस्थाओं और पूर्व में ग्रेडिंग प्राप्त कॉलेज में नैक मूल्यांकन संबंधी तैयारी व समस्याओं के निराकरण के लिए निगरानी कर रही राज्य गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। पहली कडी में जिले की अग्रणी संस्था शासकीय ईवीपीजी कॉलेज को छह माह बाद तीसरे चक्र के मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना है, जिसकी तैयारी की जा रही है। यह कॉलेज बी डबल प्लस ग्रेड प्राप्त है।

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नैक की तैयारियों के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर बनी समिति कॉलेजों की तैयारियों का लगातार जायजा ले रही है। अक्टूबर में मूल्यांकन करने के नैक टीम आएगी। मूल्यांकन के जरूर बिंदुओं पर तैयारी चल रही है।

नैक (NACC) मूल्यांकन से होने वाले फायदों की बात करें तो ग्रेडिंग प्राप्त कॉलेजों के विकास कार्यों में तेजी आएगी। मूल्यांकन के बाद यदि कॉलेज को अच्छी ग्रेड मिल जाती है तो वहां हर फैकल्टी के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड आएंगे। इस कारण विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन में बहुत फायदा पहुंचेगा।

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जिले के अमूल्यांकित सभी शासकीय कॉलेजों को नैक (NACC) मूल्यांकन में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तीन सदस्यीय दल अमूल्यांकित कॉलेजों को खेल मैदान, सभी विभागों के कार्यालय, वाहन स्टैंड, भवन, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, गार्डन आदि काे व्यवस्थित कर उनकी रिपोर्टिंग से संबंधित मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

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