Chhattisgarh: बस्तर के लोगों को लंबी दूरी तय करने से मिलेगी निजात, 1600 किलोमीटर सड़कों का काम पूरा

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर (Bastar) संभाग में सरकार की योजनाओं के तहत लगातार विकास का काम हो रहा है। बस्तर जैसे नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) में विकास के लिए पहली जरूरत सड़कों की है।

Naxal Area

बस्तर (Bastar) जैसे नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) में विकास के लिए पहली जरूरत सड़कों की है। यहां केंद्र सरकार की योजना के तहत रोड रिक्वायरमेंट प्लान (आरआरपी)-एक में बस्तर संभाग में 19 सौ किलोमीटर सड़कें स्वीकृत की गई थीं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर (Bastar) संभाग में सरकार की योजनाओं के तहत लगातार विकास का काम हो रहा है। खासकर बस्तर जैसे नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) में विकास के लिए पहली जरूरत सड़कों की है। इसलिए सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत रोड रिक्वायरमेंट प्लान (आरआरपी)-एक में बस्तर संभाग में 19 सौ किलोमीटर सड़कें स्वीकृत की गई थीं।

इनमें से 16 सौ किलोमीटर सड़कों का काम पूरा हो चुका है। बता दें कि आरआरपी-एक में ऐसे इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया गया है जो अब तक नक्सलियों के स्वतंत्र इलाके कहे जाते थे। आरआरपी-दो में भी करीब 400 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाना है। केंद्र सरकार की रोड रिक्वायरमेंट प्लान (आरआरपी)-एक में दशकों से बंद पड़ी 12 से अधिक सड़कों को फिर से शुरू किया गया है।

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बीजापुर से 22 किलोमीटर दूर गंगालूर तक जब सीसी सड़क बनाने की योजना बनी थी तो नक्सलियों (Naxals) ने खूब विरोध किया। यह सड़क बनने के बाद पांच घंटे का रास्ता महज 15 मिनट का हो गया है। बीजापुर से आवापल्ली होते हुए बासागुड़ा तक 55 किलोमीटर की सड़क नक्सलियों ने उखाड़ दी थी, अब यह सड़क भी बन गई है।

इसके अलावा, दंतेवाड़ा को नारायणपुर से जोड़ने वाले बारसूर-पल्ली 60 किलोमीटर सड़क में से 45 किलोमीटर सड़क का काम पूरा हो चुका है। पहली बार इस इलाके (Naxal Area) में फोर्स के कैंप बने हैं। गांवों में राशन की दुकानें खुलने से लोगों को मामूली जरूरतों के लिए 30-40 किलोमीटर पैदल चलने से निजात मिल गई है।

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सड़क बनते ही प्राइवेट टैक्सियां और बसें भी चलने लगी हैं, जिसका फायदा स्थानीय लोगों को मिल रहा है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी के अनुसार, क्षेत्र के विकास के लिए सड़क का निर्माण पहली आवश्यकता है। सड़क बनते ही इलाके में बदलाव देखा जा सकता है।

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