Chhattisgarh: शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का बड़ा कदम, रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

नक्सलवाद (Naxalism) से जूझते हुए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) लगातार हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। अब शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

Bhupesh Baghel

फाइल फोटो।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य योजना आयोग और राज्य के 18 उच्च शैक्षणिक संस्थाओं के बीच 20 अक्टूबर को एमओयू (MoU) हुआ। इस एमओयू के तहत शोध और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।

नक्सलवाद (Naxalism) से जूझते हुए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) लगातार हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। अब शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग और राज्य के 18 उच्च शैक्षणिक संस्थाओं के बीच 20 अक्टूबर को एमओयू (MoU) हुआ। इस एमओयू के तहत शोध और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।

इन शैक्षणिक संस्थाओं में राज्य के 14 विश्वविद्यालयों के साथ ट्रिपल आइटी, आइआइएम, एम्स और आइआइटी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा जहां प्रदेश के विकास में उच्च शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी होगी। इन संस्थानों के अनुसंधान केंद्रों के माध्यम से प्रदेश के विकास की दिशा तय होगी।

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साथ ही राज्य की प्लानिंग की मूल इकाई उधा शैक्षणिक संस्थानों में स्थापित करना चाहती है, जहां राज्य की ग्रास रूट प्लानिंग पर विचार-विमर्श हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल आनलाइन कार्यक्रम यह एमओयू हुआ।

कार्यक्रम में राज्य के समावेशी विकास में इन उधा शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित करने और उनके ज्ञान और कौशल से स्थानीय और कृषि, उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं के प्रभावी और वैज्ञानिक समाधान, अनुसंधान, अध्ययन और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए तीन सालों के लिए एमओयू किया गया।

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योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि राज्य योजना आयोग की भूमिका नीति आयोग की तर्ज पर थिंक टैंक के रूप में होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि विश्वविद्यालयों का कार्य केवल डिग्री देना नहीं, समाज और राज्य की समस्याओं का प्रभावी और वैज्ञानिक हल खोजना भी है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि, रोजगार, ग्रामीण विकास, कुटीर उद्योगों से लेकर बड़े उद्योगों तक की समस्याओं और सामाजिक समस्याओं के वैज्ञानिक ढ़ंग से सरल समाधान हो, इसमें उधा शैक्षणिक संस्थानों की फैकल्टी, प्रतिभावान विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल का लाभ मिले, इस उद्देश्य से यह एमओयू किया गया है। इससे विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को प्रदेश की जमीनी समस्याओं से रू-ब-रू होने का मौका मिल सकेगा। आने वाले समय में इसका लाभ प्रदेश, प्रदेशवासियों और देश को मिलेगा।

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