Chhattisgarh: लाल आतंक के खात्मे के लिए राज्य सरकार ने कसी कमर, उठाया ये कदम

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन लाल आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए कमर कस चुकी है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार साल 2020 के आखिर तक आठ नए पुलिस कैंप (Police Camp) खोलेगी।

Police Camp

फाइल फोटो।

राज्य और केंद्र सरकार की नक्सल विरोधी नीतियों के तहत ये पुलिस कैंप (Police Camp) खासकर नक्सली इलाकों (Naxal Area) में ही खोले गए हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन लाल आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए और नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास के लिए कमर कस चुकी है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार साल 2020 के आखिर तक आठ नए पुलिस कैंप (Police Camp) खोलेगी।

जानकारी के अनुसार, ये आठ पुलिस कैंप दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों में खोले जाएंगे। बता दें कि सात कैंप कोरोनाकाल से पहले खोले जा चुके हैं और पांच और फरवरी-मार्च, 2021 तक खोले जाएंगे। 

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बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी के अनुसार, “साल 2020 में राज्य पुलिस के कुल 15 कैंप को कमीशन करना है। सात कैंप नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिलों में फरवरी-मार्च 2020 में स्थापित हो चुके हैं। आठ अन्य कैंप दिसंबर और पांच मार्च 2021 तक खोले जाएंगे।”

पुलिस महानिरीक्षक मे आगे कहा कि कैंप (Police Camp) खुलने से नक्सलियों का सप्लाई चैन और आने-जाने के मुख्य रास्ता भी बंद हो जाता है। ग्रामीणों पर नक्सली दबाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कथित विरोध की बातें स्वयं माओवादी पर्चों के माध्यम से फैला रहें हैं। नक्सली ग्रामीणों की दहशत का फायदा उठाना चाहते हैं।

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आईजी बस्तर ने बताया कि नए खुलने वाले पुलिस कैंप के क्षेत्रों का अभी खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। हालांकि, उन्होंने बताया कि ये कैंप दंतेवाड़ा, कोंडागांव, बीजापुर और सुकमा जिलों में खुल रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में साल 2016 में करीब 14 कैंप (Police Camp) खुले थे। इसके बाद से लगातार कैंप खुलने लगे।

इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस, इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) और सीआरपीएफ (CRPF) के कैंप शामिल हैं। राज्य और केंद्र सरकार की नक्सल विरोधी नीतियों के तहत ये कैंप खासकर नक्सली इलाकों (Naxal Area) में ही खोले गए हैं। बता दें कि एक पुलिस कैंप (Police Camp)  में कुल 130 सुरक्षाबल तैनात किए जाते हैं।

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इनका मुख्य उद्देश्य लाल आतंक के गढ़ में सुरक्षा के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना होता है। धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव के अनुसार, “पिछले चार सालों में राज्य के विभिन्न नक्सली इलाकों में सीआरपीएफ, इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) और राज्य पुलिस के करीब 55 कैंप खोले गए हैं। इनमें से 35-40 कैंप राज्य पुलिस और 15-20 सीआरपीएफ और इंडियन रिजर्व बटालियन के हैं।”

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