प्रवासी मजदूरों के लिए नई नीति बनाने की तैयारी में छत्तीसगढ़ सरकार, जानें क्या-क्या होंगे लाभ

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है। राज्य में 80 प्रतिशत की आबादी खेती-किसानी के कामों से जुड़ी हुई है। यहां के किसान और खेतिहर मजदूर अधिक आय के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं।

Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य प्रवासी श्रमिक नीति के तहत राज्य के सभी मजदूरों का डिजिटल श्रमिक पंजीयन कार्ड तैयार होगा।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है। राज्य में 80 प्रतिशत की आबादी खेती-किसानी के कामों से जुड़ी हुई है। यहां के किसान और खेतिहर मजदूर अधिक आय के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए जल्द ही नई नीति लाने की तैयारी में है।

इसके तहत सभी मजदूरों के डिजिटल पंजीयन श्रमिक कार्ड बनाये जाएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना काल के समय में करीब सात लाख प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी की थी। ऐसे में अब राज्य की भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति के जरिए ऐसे सभी प्रवासी मजदूरों का पंजीयन कर सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारी में है।

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इस नई नीति के अनुसार समय-समय पर मजदूरों की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी। छत्तीसगढ़ सरकार प्रवासी श्रमिकों के लिए नई नीति के तहत जन भागीदारी श्रमिक सूचना पोर्टल और मोबाइल एप्प भी तैयार करेगी जिसमें श्रमिकों से जुड़ी राज्य की सभी योजनाओं, श्रमिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर और शिकायतों के निवारण सम्बन्धी कई जानकारियां उपलब्ध रहेंगी।

छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) कोरोना लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए नई नीति पर जोर दे रही है। श्रमिक पोर्टल के जरिए राज्य के सभी श्रमिकों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा ताकि पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को राज्य और राज्य के बाहर सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना काल के समय में करीब सात लाख प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी की थी।

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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य प्रवासी श्रमिक नीति के तहत राज्य के सभी मजदूरों का डिजिटल श्रमिक पंजीयन कार्ड तैयार होगा। यह कार्ड परिवार कार्ड के रूप में होगा। यदि एक परिवार में दो से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं तो उनका अतिरिक्त कार्ड बनाया जायेगा। श्रमिकों की पंजीयन व्यवस्था आसान करने के लिए सभी मजदूर मोबाइल एप्प, पोर्टल, व्हाट्सएप्प, फोन कॉल के अलावा लोक सेवा केन्द्रों और ब्लॉक और जिला स्तर पर सामान्य सेवा केन्द्र बनाए जाएंगे, जहां मजदूर अपना पंजीयन करा सकेंगे।

नई नीति के तहत छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) का प्रयास है कि श्रमिकों को राज्य की सभी योजनाओं का लाभ मिल सके, चाहे वो राज्य में हों या फिर राज्य के बाहर। इसके अलावा जिन राज्यों में मजदूर काम के लिए गए हैं, श्रमिक नीति के तहत राज्य सरकार के साथ सम्बंधित संस्था को एमओयू करना होगा ताकि मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के साथ उनकी न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित की जा सके और उसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग की जा सके।

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साथ ही नए प्रवासी श्रमिकों को लेकर जाने वाले नियोक्ता और ठेकेदारों को भी पंजीयन के लिए प्रेरित किया जाएगा और ठेकेदारों द्वारा बनाई जाने वाली श्रमिक पास बुक और अन्य जरूरी दस्तावेजों को पोर्टल में अपडेट किया जाएगा। इसके अलावा किसी आपात स्थिति में ठेकेदारों और नियाक्ताओं द्वारा प्रवासी मजदूरों को मुआवजा राशि देनी होगी।

नई नीति के तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जायेंगे, जहां वे हिंदी, छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सुरगुजिया जैसी स्थानीय भाषा में अपनी शिकायत कर सकेंगे। इसके अलावा श्रमिकों के गंतव्य स्थान पर राज्य शासन या स्थानीय संगठन के साथ मिलकर राज्यों में नेटवर्क तैयार किए जाएंगे।

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इसमें श्रम संगठन, ट्रेड यूनियन और स्वेच्छिक संगठनों को शामिल किया जाएगा। नई नीति में श्रम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, रोजगार एवं नियोजन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे कई विभागों की श्रमिकों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भी जोर दिया गया है, जिससे श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर भयमुक्त वातावरण बने और उनके अधिकारों की सुरक्षा की जा सके।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य प्रवासी श्रमिक नीति के जरिए प्रवासी मजदूरों के कौशल विकास पर भी जोर दिया जाएगा। इसके लिए भी कार्ययोजना बनाई जाएगी और इसकी जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण की होगी जो समय सीमा निर्धारित कर मजदूरों के लिए दक्षता विकास कार्यक्रम आयोजित करेगा।

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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की प्रवासी श्रमिक नीति में श्रम संगठनों और ट्रेड यूनियन को भी शामिल किया गया है, इसके अलावा दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी मजदूरों की समय-समय पर मॉनिटरिंग भी होती रहेगी। इसके लिए बाकायदा सम्बंधित विभागों की जिम्मेदारी भी तय की गई हैं। साथ ही पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए इसका डिजिटल डाटा भी उपलब्ध रहेगा।

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