Chhattisgarh: राज्य में पौधे लगाने पर मिलेंगे पैसे, हुई इस नई योजना की शुरुआत

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 7 जून से सरकार ने ‘वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ शुरू की है। रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस योजना की शुरुआत की।

Chhattisgarh

सांकेतिक तस्वीर।

इस योजना को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)  की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है। योजना के तहत वन विभाग ने इस साल 99 लाख से अधिक पौधे रोपने की तैयारी की है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 7 जून से सरकार ने ‘वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ शुरू की है। रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस योजना की शुरुआत की। खाली पड़े खेतों में पेड़-पौधे लगाने वाले किसानों को अब इस योजना के तहत 10 रुपए सालाना दिए जाएंगे।

इस योजना को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)  की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है। योजना के तहत वन विभाग ने इस साल 99 लाख से अधिक पौधे रोपने की तैयारी की है, 2 करोड़ 27 लाख पौधे आम लोगों को बांटे जाएंगे।

कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी वैक्सीन पर अमेरिका नहीं करता भरोसा, यहां स्टडी करनी है तो दोबारा कराना होगा वैक्सीनेशन, जानें वजह

इसके तहत जो धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आने वाले 3 सालों तक 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इतना ही नहीं, इस योजना के तहत ग्राम पंचायतें अगर अपने पास मौजूद राशि से वृक्षारोपण करती हैं तो एक साल बाद उन्हें 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, इससे पंचायतों की आय में वृद्धि होगी।

इसी तरह संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि कर्मशियल तौर पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को भी 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से पैसे मिलेंगे।

ये भी देखें-

सरकार ने योजना के तहत पेड़ों के काटे जाने का भी नियम सार्वजनिक की है। योजना के साथ सरकार ने कहा है कि अपने खेतों में लगाए गए वृक्षों की कटाई के लिए किसानों को भविष्य में किसी भी विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। अगर समितियां कर्मशियल यूज के लिए पेड़ लगाती हैं तो वृक्षों को काटने व  बेचने का अधिकार संबंधित समिति का होगा।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें