Chhattisgarh: प्रदेश सरकार की योजनाओं से आ रही विकास में तेजी, महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में विकास की बयार बह रही है। राज्य सरकार की किसान हितैषी नरवा, घुरवा, गरुआ एवं बाड़ी योजना गावों में खुशहाली ला रही है। इन योजनाओं से गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

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फाइल फोटो।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गौठान में एकत्रित गोबर से समूह की महिलाओं को एक लाख 32 हजार 282 रुपए की राशि मिली है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में विकास की बयार बह रही है। राज्य सरकार की किसान हितैषी नरवा, घुरवा, गरुआ एवं बाड़ी योजना गावों में खुशहाली ला रही है। इन योजनाओं से गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। सरकार की इन योजनाओं के तहत गांव में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों की वजह से ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका मिला है।

इससे उनमें आत्मविश्वास और संबल आया है। इसका जीता-जागता उदाहरण छुरिया विकासखंड के ग्राम पेंड्रीडीह में दिख रहा है, जहां महिलाओं की जिंदगी बदल रही है। अपनी मेहनत से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। पेंड्रीडीह आदर्श गौठान में पांच महिला स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं।

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ये महिला स्व-सहायता समूह गौठान से लगी छह एकड़ की सामुदायिक बाड़ी में जैविक खाद से साग-सब्जी का उत्पादन कर रहा है। बता दें कि जिले के कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने इस गांव का दौरा किया और समूह की महिलाओं को सब्जी उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया था।

इस बाड़ी में टमाटर, बैंगन, बरबट्टी, मूली, जिमीकंद का उत्पादन हो रहा है। स्वादिष्ट सब्जियां होने के कारण इनकी आस-पास के बाजार में मांग बढ़ी है और समूह की आय में वृद्धि हुई है।

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इसके अलावा, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गौठान में एकत्रित गोबर से समूह की महिलाओं को एक लाख 32 हजार 282 रुपए की राशि मिली है। राधाकृष्ण आदर्श गौठान समिति में 703.20 क्विंटल गोबर खरीदी गई, जिसमें से 390 क्विंटल गोबर का वर्मी टैंक में भराई किया गया है और वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है।

वहीं, मां भवानी स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा टैंक में 65 किलो वर्मी डाला गया है और 243 किलो वर्मी खाद तैयार कर ली गई है, जिसे सैम्पल जांच के लिए भेजा गया है।

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छुरिया जनपद के सीईओ प्रतीक प्रधान के मुताबिक, अभी गौठान में पांच समूह हैं, जिनमें राधाकृष्ण स्वसहायता समूह, जय मां दंतेश्वरी स्वसहायता समूह, जय मां गायत्री स्वसहायता समूह, जय मां शीतला एवं जय लक्ष्मी स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं और बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। एनजीजीबी की टीम इनका सहयोग कर रही है।

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