Chhattisgarh: सरकार ने 18 तक के लड़के-लड़कियों के लिए तैयार की चाइल्ड बजट की योजना, उठाया यह खास कदम

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में बीते 2 सालों में प्रदेश में मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु दर कम करने के साथ कुपोषण मुक्त स्वस्थ भविष्य के निर्माण की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।

Child Budget

Child Budget

मुख्यमंत्री के निर्देश पर चाइल्ड बजट (Child Budget) की योजना तैयार की गई है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में बच्चों को अलग हिस्सा देने का फैसला लिया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में बीते 2 सालों में प्रदेश में मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु दर कम करने के साथ कुपोषण मुक्त स्वस्थ भविष्य के निर्माण की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इसका सकारात्मक असर भी दिख रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने 18 वर्ष की आयु तक के लड़के-लड़कियों के लिए खास कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर चाइल्ड बजट (Child Budget) की योजना तैयार की गई है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में बच्चों को अलग हिस्सा देने का फैसला लिया है। राज्य सरकार इसे चाइल्ड बजट नाम दे रही है। शून्य से 18 साल की उम्र तक के लड़के-लड़कियों को इस बजट के दायरे में रखा गया है। इनके लिए विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं को एक साथ व्यवस्थित किया जाएगा।

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दरअसल, राज्य के करीब आधा दर्जन विभागों में बच्चों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास आदि शामिल हैं। वित्त विभाग ने सभी विभागों से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी मांगी है।

इसके आधार पर चाइल्ड बजट (Child Budget) का आकार तय होगा। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कुल बजट में चाइल्ड बजट का हिस्सा कितना होगा। सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष राज्य का बजट एक लाख करोड़ के करीब पहुंच सकता है। इसमें चाइल्ड बजट का हिस्सा 20 से 30 फीसद से हो सकता है।

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एक अनुमान के अनुसार, राज्य के करीब 80 लाख बच्चे चाइल्ड बजट के दायरे में आएंगे। वित्त विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। प्रदेश में इससे पहले जेंडर बजट, कृषि बजट और महिला बजट अलग पेश किया जा चुका है।

अफसरों के अनुसार, महिला बाल विकास, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में बच्चों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग भी करीब 100 करोड़ पये बच्चों पर खर्च करता है। इसमें टीकाकरण और गंभीर बीमारियों के इलाज में सहायता शामिल है। महिला बाल विकास विभाग 14 से 15 सौ करोड़ पये बच्चों पर खर्च करता है। इसी तरह स्कूल शिक्षा विभाग भी हजार करोड़ पये से अधिक बच्चों के लिए खर्चा करता है।

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अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर चाइल्ड बजट (Child Budget) की पहल की गई है। इस बजट को तैयार करने में राज्य योजना आयोग भी शामिल है। बताया जा रहा है कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में बच्चों के स्वास्थ्य और शैक्षणिक विकास भी शामिल है। इसे प्रदेश सरकार ने भी अपने लक्ष्य में शामिल किया है।

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