Chhattisgarh: पक्षी महोत्सव में बेमेतरा पहुंचे सीएम भूपेश बघेल, 156 करोड़ के विकास कार्यों की घोषणा की

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) 2 फरवरी को गिधवा-परसदा में 3 दिवसीय पक्षी महोत्सव के समापन समारोह में पहुंचे। उन्होंने पक्षी विहार का भ्रमण किया और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की फोटो भी खींची।

CM Bhupesh Baghel

इस दौरान जिला पक्षी महोत्सव के समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने बेमेतरा जिले के लिए 156 करोड़ के विकास कार्यों की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) 2 फरवरी को गिधवा-परसदा में 3 दिवसीय पक्षी महोत्सव के समापन समारोह में पहुंचे। उन्होंने पक्षी विहार का भ्रमण किया व विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की फोटो क्लिक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षियों का भी संरक्षण और संवर्धन करने राज्य सरकार प्रयास कर रही है।

गिधवा-परसदा पक्षी विहार को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में शामिल करने के लिए सरकार की ओर से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही गिधवा-परसदा पक्षी विहार के पर्यटन के हिसाब से क्षेत्र का समुचित विकास किया जाएगा। उन्होंने पक्षी विहार में ग्रामीणों से संक्षिप्त मुलाकात में हर संभव विकास का भरोसा दिलाया।

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इस दौरान जिला पक्षी महोत्सव के समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने बेमेतरा जिले के लिए 156 करोड़ के विकास कार्यों की घोषणा की। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार किसान की सरकार है। हमारे किसान तो गोबर बेचकर मोटरसाइकिल ले रहे हैं।

सीएम बघेल ने आगे कहा कि अब बेमेतरा के गिधवा परसदा गांव छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है, जहां पूरे भारत ही नहीं विदेशों से भी 150 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। इस गांव में हर साल पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिससे इसे एक अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में देखा जाए और यहां विदेशी सैलानी छत्तीसगढ़ आएंगे।

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कालेज की मांग को लेकर सीएम ने कहा कि वो बेमेतरा में आने वाले हैं। इस पर वे वही सौगात देंगे। उन्होंने इस बाबत योजना बनाकर काम किए जाने की बात कही।

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वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जलाशयों का संयुक्त रूप से पक्षी रहवास स्थल होने से स्थानीय व प्रवासी पक्षी वर्षभर इन सुरक्षित स्थलों की ओर आकर्षित होंगे। पक्षी महोत्सव से लोगों में रूचि और बढ़ेगी। इस कार्य से पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण तथा स्थानीय लोगों को ईको-पर्यटन के माध्यम से होम विलेज स्टे से रोजगार उपलब्ध होगा।

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