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प्रशासन की इस नेक पहल की वजह से जिले के सुदूर नक्सल ग्रस्त इलाकों (Naxal Areas) में अब बच्चों को शिक्षा से दूर नहीं रहना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Areas) में सालों से बंद पड़े स्कूल अब खुल गए हैं। साल 2005 से बंद 157 स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है। अब इस इलाके के बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल शेड निर्माण करने सहित स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में नियुक्ति भी दी गई है।
जिला कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की पहल पर जिले के अतिसंवेदनशील और पहुंचविहीन इलाकों के साथ ही इंद्रावती नदी के पार के क्षेत्रों के स्कूलों में से 56 प्राथमिक शालाओं के लिए शेड निर्माण किया गया है। इन स्कूलों के संचालन के लिए 10 हजार रुपये प्रति महीने की सेलरी पर स्थानीय शिक्षित युवाओं को शिक्षादूत के रूप में नियुक्ति दी गई है।
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इसके साथ ही बाकी स्कूलों के लिए नए शेड निर्माण करने को जिला खनिज न्यास संस्थान निधि से मंजूरी मिल गई है। इसी तरह, बाकी सभी स्कूलों में जरूरी संसाधनों की पूर्ति के लिए जिला खनिज न्यास संस्थान निधि की ओर से स्वीकृति मिलने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
प्रशासन की इस सराहनीय पहल की वजह से जिले के सुदूर नक्सल ग्रस्त इलाकों (Naxal Areas) में अब बच्चों को शिक्षा से दूर नहीं रहना पड़ेगा। वे अब शिक्षित हो कर अपना भविष्य बेहतर बनाएंगे।
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जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर के अनुसार, जिले में पहले से कार्यरत शिक्षादूतों का अप्रैल, 2021 तक का पूरा मानदेय 55 लाख, 80 हजार रुपये आबंटित किया जा चुका है। इसे जल्दी हा सम्बन्धित शिक्षादूतों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
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