Chhattisgarh: बीजापुर के नक्सल प्रभावित इलाके में 14 साल बाद खुला स्कूल

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित अतिसंवेदनशील ग्राम पंचायत मल्लेमपेंटा में 14 साल से बंद पड़े स्कूल को फिर से खोला गया।

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बीजापुर के नक्सल प्रभावित इलाके में 14 साल बाद फिर से खुला स्कूल

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित अतिसंवेदनशील ग्राम पंचायत मल्लेमपेंटा में 14 साल से बंद पड़े स्कूल को फिर से खोला गया। जिसमें गांव के 60 बच्चों ने प्राथमिक स्कूल में दाखिला लिया।

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नक्सल प्रभावित इलाके में 14 साल से बंद पड़े स्कूल को फिर से खोला गया।

Chhattisgarh के नक्सल ग्रस्त इलाके में सालों बाद दोबारा खुले इस स्कूल का संचालन फिलहाल गांव के ही एक झोपड़ी में किया जा रहा है। झोपड़ी में संचालित प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने की जिम्मेदारी दो युवकों प्रवीन मज्जी और जितेंद्र गौतुल को दी गई है। वहीं गांव में स्कूल खुलने की खुशी में ग्रामीणों ने पैसा इकट्ठा कर स्लेट पट्टी और पेंसिल खरीदकर उपहार के रूप में बच्चों को दिया। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल खुले हुए एक महीने होने वाले हैं। हालांकि शिक्षा विभाग से अभी तक इन बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई सामग्री नहीं मिली है।

गौरतलब है कि Chhattisgarh में डेढ़ दशक पहले नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुडूम शुरू हुआ था। इस दौर में नक्सली हिंसा में भी खासा इजाफा हुआ। इसका सबसे ज्यादा असर शिक्षा व्यवस्था पर ही पड़ा। नक्सलियों ने स्कूल भवनों को अपना निशाना बनाया और सरकार ने दूरदराज के गांवों के स्कूलों को सड़क के किनारे शिफ्ट कर दिया।

अब बंद पड़े स्कूलों को दोबारा शुरू करने की कवायद की जा रही है। इन स्कूलों के दोबारा खुलने से नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चे शिक्षा पा सकेंगे और अपना भविष्य संवार सकेंगे। बीईओ लक्ष्मण सिंह ठाकुर के मुताबिक, ‘हमने पेरमपल्ली, हीरापुर और मल्लेमपेंटा इन तीनों जगह में स्कूल खोला है और अगले माह से उन बच्चों को मध्यान्ह भोजन भी दी जाएगी।’

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