Bihar: लाल आतंक को ठेंगा दिखा रहे युवा, लिख रहे हैं अपनी सफलता की इबारत

बाधाएं चाहे कितनी भी बड़ी हों, यदि हौसले बुलंद हैं तो सफलता मिलनी तय है। इस बात को सच कर दिखाया है नक्सल प्रभावित इलाके के दो एथलीटों ने।

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बिहार के नक्सल-ग्रस्त जमुई जिले के दो एथलीटों ने राष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक्स प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है।

बाधाएं चाहे कितनी भी बड़ी हों, यदि हौसले बुलंद हैं तो सफलता मिलनी तय है। इस बात को सच कर दिखाया है नक्सल प्रभावित इलाके के दो एथलीटों ने। बिहार (Bihar) के नक्सल-ग्रस्त जमुई जिले के दो एथलीटों ने राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है।

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बिहार (Bihar) के जमुई जिले की अंजनी कुमारी ने जीता गोल्ड

आंध्र प्रदेश के गुंटूर में आयोजित 35 वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बिहार (Bihar) के जमुई जिले की अंजनी कुमारी और राजकुमार ने जैवलिन थ्रो में रिकॉर्ड बनाते हुए अपनी सफलता का परचम लहराया है। एक साथ दो खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल जीत कर जिले का नाम रौशन किया है। लंबे समय से नक्सली समस्या के साथ-साथ पिछड़ेपन से जूझ रहे जमुई जिले में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है। बस जरूरत है उन प्रतिभाओं को तराशने की। आंध्र प्रदेश के गुंटूर में चल रहे 35 वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5 नवंबर को बालिका वर्ग के अंडर 20 आयु वर्ग में सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए जमुई की अंजनी कुमारी ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया।

अपने प्रदर्शन के दौरान अंजनी कुमारी ने 45.94 मीटर दूर जेवलिन को फेंक कर अभी तक का बेहतर प्रदर्शन किया। वहीं, दूसरे खिलाड़ी एथलीट राजकुमार ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया। अपने प्रदर्शन में राजकुमार ने 58.38 मीटर दूर भाला फेंका। राजकुमार ने अंडर-16 आयु वर्ग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया। बता दें कि 35 वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ है। यह चैम्पियमशिप 2 नवंबर से 6 नवंबर तक चलेगा। जमुई जिले के ग्रामीण इलाके से आने वाले दोनों खिलाड़ी अंजनी कुमारी और राजकुमार ने कम सुविधा मिलने के बावजूद खेल में बेहतर प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता।

राष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक्स प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पाने वाली खिलाड़ी अंजनी कुमारी बिहार (Bihar) के जमुई जिले के बरुअट्टा गांव के एक साधारण परिवार से आती हैं। वहीं, राजकुमार जिले के खैरा के रहने वाले हैं। दोनों खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने वाले सीनियर एथलीट और कोच सूरज कुमार आशुतोष ने बताया कि दोनों एथलीटों का गोल्ड मेडल हासिल करना सिर्फ जमुई ही नहीं बिहार के लिए भी गौरव की बात है। आशुतोष ने बताया की इन दोनों के अलावा सुदामा कुमार यादव नाम के एथलीट ने भी अपनी आयु वर्ग में चौथा स्थान बनाया है। लाल आतंक से जूझ रहे इलाके के ये युवा तमाम परेशानियों के बावजूद अपनी मेहनत और लगन के बूते अपनी सफलता की इबारत लिख रहे हैं।

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