Suraiya Birth Anniversary: एक्ट्रेस होने के साथ ही कमाल की सिंगर थीं सुरैया, ये थी शादी ना करने की वजह

आज इंडियन सिनेमा सुरैया (Suraiya) की जयंती है। सुरैया का जन्म 15 जून, 1929 को गुजरांवाला, पंजाब में हुआ था। वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं। उनका पूरा नाम सुरैया जमाल शेख था।

Suraiya

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सुरैया (Suraiya) को ‘मलिका-ए- हुस्न’ (Queen of Beauty), ‘मलिका-ए- तरन्नुम’ (Queen of Melody) और ‘मलिका-ए-अदाकारी’ (Queen of Acting) जैसे उपनाम मिले हुए थे।

आज इंडियन सिनेमा सुरैया (Suraiya) की जयंती है। सुरैया का जन्म 15 जून, 1929 को गुजरांवाला, पंजाब में हुआ था। वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं। उनका पूरा नाम सुरैया जमाल शेख था। जब वह 1 साल की थीं, तब उनका परिवार मुंबई आकर बस गया था। नाजों से पली सुरैया ने हालांकि संगीत की शिक्षा नहीं ली थी, लेकिन आगे चलकर उनकी पहचान एक बेहतरीन अदाकारा के साथ एक अच्छी गायिका के रूप में भी बनीं।

सुरैया ने अपने अभिनय और गायकी से हर कदम पर दर्शकों का दिल जीता। सुरैया को ‘मलिका-ए- हुस्न’ (Queen of Beauty), ‘मलिका-ए- तरन्नुम’ (Queen of Melody) और ‘मलिका-ए-अदाकारी’ (Queen of Acting) जैसे उपनाम मिले हुए थे। बतौर बाल कलाकार साल 1937 में उनकी पहली फिल्म ‘उसने सोचा था’ प्रदर्शित हुई।

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12 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला गाना ‘नई दुनिया’ गाया था। उनका फिल्मों में आना महज एक इत्तेफाक था। मशहूर खलनायक जहूर जी सुरैया के चाचा थे। उन्हीं के साथ 1941 में स्कूल की छुट्टियों के दौरान वे मोहन स्टूडियो में फिल्म ‘ताजमहल’ की शूटिंग देखने गईं थीं। तब निर्देशक नानूभाई वकील की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने सुरैया को एक ही नजर में मुमताज महल के रोल के लिए चुन लिया।

यहीं से शुरू हुआ सुरैया का असली फिल्मी सफर। इसी तरह संगीतकार नौशाद ने भी जब पहली बार ऑल इंडिया रेडियो पर सुरैया की आवाज सुनी तो उन्हें फिल्म ‘शारदा’ में गवाया। अभिनेत्री के रूप में उन्हें ब्रेक मिला था, 1947 में फिल्म तदबीर में जब वो सिर्फ 16 साल की थीं। ये फिल्म उन्हें केएल सहगल साहब की सिफारिश पर मिली थी। क्योंकि सहगल साहब को सुरैया की आवाज बहुत पसंद थी।

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इसके बाद सुरैया (Suraiya) ने फिल्म उमर खय्याम और परवाना में के एल सहगल साहब के को-स्टार के रूप में काम किया। 40 के दशक के उत्तरार्ध में एक के बाद एक सुरैया की कई हिट फिल्में आयीं। जिनमें खास थीं- प्यार की जीत, बड़ी बहन और दिल्लगी। वह अपनी प्रतिद्वंद्वी अभिनेत्री नरगिस और कामिनी कौशल से भी आगे निकल गईं। इसका मुख्य कारण यह था कि सुरैया अभिनय के साथ-साथ गाने भी गाती थीं।

‘प्यार की जीत’, ‘बड़ी बहन’ और ‘दिल्लगी’ जैसी फिल्मों की कामयाबी के बाद सुरैया शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंचीं। 1954 में आई फिल्म ‘वारिस’ और ‘मिर्जा गालिब’ भी सुपरहिट रहीं। फिल्म ‘मिर्जा गालिब’ को राष्ट्रपति के गोल्ड मेडल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। फिल्म को देख तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इतने भावुक हो गये कि उन्होंने सुरैया को कहा, “तुमने मिर्जा गालिब की रूह को जिंदा कर दिया….।”

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सुरैया (Suraiya) की खूबसूरती के चर्चे भला कहां नहीं थे, कोई उनकी आंखों की तारीफ करता था तो कोई उनकी हंसी की तारीफ करता था। ऐसा कहते हैं कि फिल्मों में आने से पहले धर्मेंद्र सुरैया के इतने जबरदस्त दीवाने थे कि उन्होंने उनकी फिल्म ‘दर्द’ को 40 बार देखा था। सुरैया अपनी फिल्मों और गानों के अलावा सबसे ज्यादा जिस बात के लिए चर्चा में रहीं, वो थी उनकी और देव आनंद की प्रेम कहानी।

सुरैया, देव आनंद का पहला प्यार थीं। दोनों की लव स्टोरी बॉलीवुड की सबसे चर्चित लव-स्टोरीज में से एक है, लेकिन इसका अंत दुखद रहा। देव आनंद जब इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में लगे हुए थे, तब तक सुरैया एक बड़ी स्टार बन चुकी थीं। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान देव आनंद ने सुरैया को डूबने से बचाया था, जिसके बाद ही दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई।

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देवानंद की सुरैया (Suraiya) से पहली मुलाकात फिल्म ‘विद्या’ के सेट पर हुई थी। देवानंद ने अपना परिचय देते हुए कहा था, “सब लोग मुझे देव कहते हैं। आप मुझे किस नाम से पुकारना पसंद करेंगी?” सुरैया ने कहा- देव। फिल्म के सेट पर दोनों की नजरें एक दूसरे को ही तलाशती रहतीं। दोनों ने एक दूसरे के प्यार के नाम भी रख दिए।

सुरैया ने अपने एक मनपसंद नॉवेल के हीरो के नाम पर सुरैया ने देव आनंद का नाम Steve रखा। जबकि देव आनंद को सुरैया की नाक जरा लंबी लगती थी, तो उन्होंने सुरैया का नाम रख दिया….Nosey। देव आनंद सुरैया से बहुत प्यार करते थे। दोनों ने साथ में 7 फिल्मों में काम किया।

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दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन मजहब की दीवार के चलते दोनों की प्रेम कहानी आगे नहीं बढ़ पायी। अपनी नानी की मर्जी न होने के कारण सुरैया (Suraiya) ने देव आनंद (Dev Anand) के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। लेकिन देव आनंद से शादी नहीं हुई, तो सुरैया ने उम्र भर अविवाहित रहने का फैसला कर लिया।

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