Happy Birthday Tuntun: जानिए गायिका और एक्टर टुनटुन ने नौशाद से कौन सी जिद की थी

भारतीय सिनेमा में अपनी कॉमिक टाइमिंग और गायकी के लिए मशहूर टुनटुन (Tuntun) का आज जन्मदिन है। उन्हें भारत की पहली महिला कॉमेडियन कहा जाता है

Tuntun

टुनटुन (Tuntun) का जन्म उत्तरप्रदेश के अमरोहा जिले में साल 1923 में हुआ था। जहां वह और उनका पूरा परिवार रहता था। जब टुनटुन ढाई साल की थीं तो जमीन विवाद में उनके माता पिता की मृत्यु हो गई थी

नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा में अपनी कॉमिक टाइमिंग और गायकी के लिए मशहूर टुनटुन (Tuntun) का आज जन्मदिन है। उन्हें भारत की पहली महिला कॉमेडियन कहा जाता है और उनका असली नाम उमा देवी खत्री था। उमा जितनी अच्छी गायिक रहीं, उससे कई ज्यादा अच्छी कॉमेडियन थी। उनके पर्दे पर आते ही ठहाकों से पूरा हॉल गूंजने लगता था। उन्होंने बॉलीवुड में बेहतरीन गाने गाए और जब गानों में उनके प्रतिद्वंदी बढने लगे तो उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया। वह एक्टिंग में किस्मत आजमाने लगीं, जहां उन्हें काफी सराहना और प्यार मिला।

जमीन विवाद में माता पिता को खोया

टुनटुन का जन्म उत्तरप्रदेश के अमरोहा जिले में साल 1923 में हुआ था। जहां वह और उनका पूरा परिवार रहता था। जब टुनटुन ढाई साल की थीं तो जमीन विवाद में उनके माता पिता की मृत्यु हो गई थी, और आठ साल की उम्र में उनके भाई हरि का भी देहांत हो गया। दरअसल अपने निधन से दो दिन पहले उन्होंने फिल्म क्रिटिक और हिस्टोरियन शिशिर कृष्णण शर्मा के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे नहीं पता कि मेरे माता पिता कौन हैं और वो कैसे दिखते हैं। जब मैं ढाई साल की थी तब वो इस दुनिया को छोड़ कर चले गए थे और जब मैं नौ साल की थी तो मेरे भाई हरि का भी देहांत हो गया था।  

उमा देवी से टुनटुन तक का सफर

टुनटुन को गाना गाने का शौक था। रेडियो पर गाना सुनकर अक्सर वो गुनगुनाया करती थीं। ऐसा कहा जाता है कि उनकी एक दोस्त मुंबई के कई फिल्मों में काम करने वालों को जानती थी और वही टुनटुन को अपने साथ मुंबई लेकर गई। फिर क्या था टुनटुन के सपनों को पंख मिल गए और वो मुंबई पहुंच कर सीधा नौशाद के घर पहुंची। उन्होंने नौशाद से कहा कि अगर आप मुझे गाने का मौका नहीं देंगे तो मैं आपके बंगले से समुद्र में कूदकर जान दे दूंगी। जिसके बाद नौशाद ने टुनटुन का ऑडिशन लिया और वह उन्हें पसंद आ गईं। साल 1947 में उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला। उन्होंने दर्द फिल्म का अफसाना लिख रही हूं गीत गाया और ये सुपरहिट हुआ। जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक 45 गाने गाए।

जम्मू कश्मीर: अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर 3 आतंकियों को मार गिराया, सर्च अभियान जारी

पाकिस्तानी से शादी

टुनटुन की आवाज़ से प्रभावित होकर अख्तर वेग काज़ी बंटवारे के वक्त हिन्दुस्तान आ गए और उन्होंने साल 1947 में टुनटुन से शादी कर ली। अख्तर एक्साइज़ ड्यूटी इंस्पेक्टर थे। टुनटुन दो बेटी और दो बेटों की मां बनीं। टुनटुन का निधन 80 वर्ष की उम्र में साल 2003 में हुआ।

गायकी से एक्टर तक का सफर

टुनटुन बॉलीवुड में बेहद मशहूर हो गई थीं। उन्होंने सुरैया जैसी गायिका  के साथ बेताब है दिल मोहब्बत के बेअसर से गाना भी गाया था। लेकिन बाद में इंडस्ट्री में कई गायकों का कब्जा हो गया जिसके बाद टुनटुन की गायकी फीकी पड़ने लगीं। बाद में नौशाद ने उन्हें अभिनय के लिए प्रेरित किया। उसके बाद उन्होंने कई फिल्मों जैसे बाबुल, आरपार’, ‘प्यासा’, ‘मिस्टर ऐंड मिसेज फिफ़्टी फाइव’ और ‘मोम की गुड़िया’ में काम किया। टुनटुन के फिल्मों का सफर बहुत छोटा था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने  200 से ज्यादा फिल्मों में अपनी अभिनय की छाप छोड़ी। 90 के दशक में उनके पति की मृत्यु हो गई जिसके बाद वह फिल्मों से अलग हो गईं।

 

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें