Gulshan Kumar Murder Case: बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल रऊफ मर्चेंट की सजा बरकरार

गुलशन कुमार मर्डर केस (Gulshan Kumar Murder Case) में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल रऊफ मर्चेंट को बड़ा झटका लगा है।

Gulshan Kumar Murder Case

File Photo

अप्रैल, 2002 में रऊफ मर्चेंट को इस केस (Gulshan Kumar Murder Case) में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 2009 में उसे बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी। इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था।

गुलशन कुमार मर्डर केस (Gulshan Kumar Murder Case) में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल रऊफ मर्चेंट को बड़ा झटका लगा है। अब्दुल रऊफ मर्चेंट की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी गई है। गुलशन कुमार हत्याकांड में बॉम्‍बे हाईकोर्ट की जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने अपना फैसला सुनाया।

वहीं, कोर्ट ने रमेश तौरानी की बरी के फैसले को बरकरार रखते हुए तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दी। बता दें कि टी-सीरीज कंपनी के संस्‍थापक गुलशन कुमार की 19 अगस्‍त, 1997 को जूहू इलाके में हत्‍या कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति साधना एस जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ ने कहा कि रऊफ मर्चेंट की सजा जारी रहेगी क्योंकि वह पैरोल से भाग गया था और अपनी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा।

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गौरतलब है कि अप्रैल, 2002 में रऊफ मर्चेंट को इस केस (Gulshan Kumar Murder Case) में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 2009 में उसे बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी। इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था। हालांकि, बाद में बांग्लादेश पुलिस ने उसे फर्जी पासपोर्ट मामले में अरेस्ट किया। मर्चेंट को बांग्लादेश में अरेस्ट करने के बाद पहले गाजीपुर के काशिमपुर जेल में रखा गया।

फिर उसे साल 2016 में एक सत्र अदालत ने मुंबई के आर्थर रोड जेल भेज दिया था। बता दें के 80 के दशक में टी-सीरीज नाम की एक म्यूजिक कंपनी की नींव रखी गई। जो आगे चलकर देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी बनी।

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महज 10 साल में ही गुलशन कुमार ने टी सीरीज के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचाया था। उन्होंने कई गायकों को लॉन्च किया और तभी से वे अंडरवर्ल्ड की आंखों में खटकने लगे। मुंबई में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनपर 16 गोलियां चलाई गईं और उनकी जान चली गई।

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