डिंपल कपाड़िया: 16 साल की उम्र में 15 साल बड़े ‘काका’ से की शादी

वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘जख्मी शेर’ से डिंपल (Dimple Kapadia)  ने फिल्म इंडस्ट्री में कमबैक किया लेकिन यह फिल्म सफल नहीं रही। वर्ष 1985 में डिंपल कपाडिया को एकबार फिर से ऋषि कपूर के साथ ‘सागर’ में काम करने का अवसर मिला। रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में डिंपल ने अपनी बोल्ड इमेज से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।

Dimple Kapadia

Dimple Kapadia Birth Anniversary

बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) उन कलाकारों में शामिल हैं, जिन्होंने नायिका की परम्परागत छवि को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। 08 जून 1957 को गुजराती परिवार में जन्मी डिंपल (Dimple Kapadia) को फिल्मों में लाने का श्रेय राजकपूर को जाता है। सत्तर के दशक में वह अपनी फिल्म ‘बॉबी’ के लिये नये चेहरों की तलाश कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने डिंपल कपाडिया को अपनी फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया, जिसे डिंपल ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। ‘बॉबी’ ऋषि कपूर की भी पहली फिल्म थी।

वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म इस फिल्म में डिंपल कपाड़िया टीन एज लड़की की भूमिका में दिखाई दीं। ‘बॉबी’ की सफलता के बाद डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) को कई फिल्मों में काम करने के लिये कई प्रस्ताव मिले लेकिन उन्होंने इन सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया और अभिनेता राजेश खन्ना से शादी कर फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया।

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वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘जख्मी शेर’ से डिंपल (Dimple Kapadia)  ने फिल्म इंडस्ट्री में कमबैक किया लेकिन यह फिल्म सफल नहीं रही। वर्ष 1985 में डिंपल कपाडिया को एकबार फिर से ऋषि कपूर के साथ ‘सागर’ में काम करने का अवसर मिला। रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में डिंपल ने अपनी बोल्ड इमेज से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सागर के बाद डिंपल (Dimple Kapadia)  की छवि फिल्म इंडस्ट्री में एक बोल्ड अभिनेत्री के रूप में बन गयी। वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ‘जांबाज’ इसका दूसरा उदाहरण बनी। वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म ‘जख्मी औरत’ डिंपल की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म में उन्होंने एक महिला इंस्पेक्टर का किरदार निभाया था। जिसका बलात्कार हो जाता है और वह अपराधियो से अपना बदला लेती है।

80 के दशक में जहां एक ओर डिंपल ‘बंटवारा’ जैसी फिल्मों में धर्मेन्द्र की हीरोइन थीं तो दूसरी ओर वे धर्मेन्द्र के बेटे सनी देओल की ‘अर्जुन’, ‘मंजिल मंजिल’, ‘आग का गोला’, ‘गुनाह’, ‘नरसिम्हा’ जैसी कई फिल्मों में हीरोइन रहीं। लगातार कई फिल्मों में साथ काम करने के कारण सनी और डिंपल की नजदीकियों की काफी चर्चा रही। हालांकि दोनों ने कभी भी अपने इस रिश्ते को सार्वजनिक रूप से नहीं स्वीकारा।

वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म ‘लेकिन’ डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म से जुडा रोचक तथ्य है कि गायिक लता मंगेशकर ने इस फिल्म का निर्माण किया था। फिल्म में उनकी आवाज में ‘यारा सीली सीली…’ गीत श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।

वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘रूदाली’ डिंपल की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। राजस्थान की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में उन्होंने ‘श्निचरी’ नामक एक ऐसी युवती का किरदार निभाया जो तमाम दुख के बाद भी नहीं रो पाती है। हालांकि यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी लेकिन अपने दमदार अभिनय से डिंपल कपाडिया ने दर्शकों के साथ ही समीक्षकों का भी दिल जीत लिया और इसके लिए डिंपल को नेशनल अवॉर्ड भी मिला।

डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) अब तक तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) ने करीब पांच दशक लंबे सिने कैरियर में 85 फिल्मों में अभिनय किया है। डिंपल के करियर की उल्लेखनीय फिल्मों मे कुछ है, ‘अर्जुन’, ‘एतबार’, ‘काश’, ‘राम लखन’, ‘बीस साल बाद’, ‘बंटबारा’, ‘प्रहार’, ‘अजूबा’, ‘नरसिम्हा’, ‘गर्दिश’, ‘क्रांतिवीर’, ‘दिल चाहता है’,  ‘बीइग सायरस’, ‘दबंग’, ‘कॉकटेल’, ‘पटियाला हाउस’ और ‘फाइंडिंग फैनी’ इत्यादि।

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