जोजिला टनल का काम शुरू, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया शुभारंभ

लद्दाख के कारगिल इलाके को कश्मीर घाटी से जोड़ने वाली जोजिला टनल (Zojila tunnel) के निर्माण का काम शुरू हो गया है। इस टनल की लंबाई 14.15 किलोमीटर है।

Zojila Tunnel

लद्दाख के कारगिल इलाके को कश्मीर घाटी से जोड़ने वाली जोजिला टनल (Zojila Tunnel) के निर्माण का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टनल के निर्माण कार्य की शुरुआत विस्फोट के लिए बटन दबाकर की।

इस टनल की लंबाई 14.15 किलोमीटर है। इसे एशिया की दो दिशा वाली सबसे लंबी टनल माना जा रहा है। ये टनल बनने से लेह और श्रीनगर के बीच आवागमन संभव हो सकेगा और 3 घंटे कम लगेंगे।

बता दें कि ये इलाका दुनिया के सबसे खतरनाक हिस्से के रूप में जाना जाता है। फिलहाल जोजिला दर्रे में बर्फबारी होने की वजह से ये इलाका बंद है।

मंत्रालय का कहना है कि यह टनल पूरा होने के बाद ये भारत के इतिहास में बड़ी उपलब्धि होगी।

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बता दें कि निर्माण प्रक्रिया में विस्फोटकों का उपयोग कर धमाके के जरिए ठोस पदार्थों को हटाया जाता है। परियोजना का रणनीति महत्व है क्योंकि जोजिला दर्रा (Zozila Tunnel) श्रीनगर–करगिल–लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर है और भारी हिमपात के कारण सर्दियों में बंद रहता है। फिलहाल यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सर्वाधिक खतरनाक मार्गों में से एक है और यह परियोजना भू–रणनीतिक रूप से संवेदनशील भी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, ये सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग–1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसम में उपयोगी संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी। इससे जम्मू–कश्मीर में चौतरफा आर्थिक और सामाजिक–सांस्कृतिक समन्वय हो सकेगा।

इस परियोजना के तहत जोजिला दर्रे (Zozila Tunnel) के तहत करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी। अभी केवल छह महीने ही इस मार्ग से वाहन आ–जा सकते हैं।

यह सुरंग जब बनकर तैयार होगी‚ आधुनिक भारत के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी। लद्दाख‚ गिलगिट और बालतिस्तान क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सैन्य गतिविधियों को देखते हुए यह देश की रक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। जोजिला (Zozila Tunnel) सुरंग परियोजना से करगिल‚ द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की 30 साल की मांग पूरी होगी।

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