सांकेतिक तस्वीर
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अपराध शाखा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रयास से ये युवा नक्सली बनने से बच गया। इस युवा की बरामदगी पर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने 20 हजार का इनाम भी रखा था।
नई दिल्ली: नक्सलियों के गिरोह में शामिल होने की तैयारी कर रहे एक किशोर को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने नक्सलवाद की आग में कूदने से बचा लिया।
इस किशोर का 14 साल की उम्र में अपहरण हो गया था, इसके बाद 5 सालों तक पुलिस उसे खोजती रही और आखिर में वह ओडिशा के भुवनेश्वर से बरामद किया गया।
ये युवक आंध्र प्रदेश के नक्सलियों के संपर्क में आ चुका था और नक्सली संगठन में शामिल होने की तैयारी कर रहा था, इसी दौरान पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अपराध शाखा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रयास से ये युवा नक्सली बनने से बच गया।
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इस युवा की बरामदगी पर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने 20 हजार का इनाम भी रखा था। पुलिस उपायुक्त (अपराध) मोनिका भारद्वाज के मुताबिक, साल 2017 में एक एनजीओ को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक 14 साल का लड़का मिला, जो अकेला था।
इस लड़के को कनॉट प्लेस के बाल सहयोग चिल्ड्रन होम में रखा गया, लेकिन वह 19-20 अप्रैल 2017 की रात वहां से वह गायब हो गया। इस मामले में अपहरण का केस दर्ज किया गया।
फिर पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद भुवनेश्वर से उसे बरामद कर लिया। वह यहां के एक होटल में छिपा था। होटल में वह एक आंध्र प्रदेश के रहने वाले युवक के साथ रह हरा था और नक्सली संगठन में शामिल होने की तैयारी कर रहा था।
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