यमन के इस परिवार ने अमेरिकी सरकार पर दायर किया मुकदमा, जानें वजह

पिछले कई सालों से अमेरिकी सेना (American Army) अलकायदा और आईएसआईएस (ISIS) जैसे आतंकी संगठनों से निपटने के लिए यमन (Yemen) में तैनात है।

Yemen

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यमन (Yemen) में रहने वाला अल अमेरी और अल तेसी परिवार पिछले सात सालों से अमेरिकी सरकार के ड्रोन हमले (Drone Attack) झेल रहा है।

पिछले कई सालों से अमेरिकी सेना (American Army) अलकायदा और आईएसआईएस (ISIS) जैसे आतंकी संगठनों से निपटने के लिए यमन (Yemen) में तैनात है। पिछले साल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने यह कहा था कि अमेरिकी सेना इस मामले में यमन की सरकार के साथ मिल-जुलकर काम कर रही है।

हालांकि, अमेरिकी ड्रोन हमलों (Drone Attack) के चलते जबरदस्त नुकसान झेल चुके यमन में रहने वाले कुछ निर्दोष लोगों ने अमेरिकी सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की है।

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दरअसल, यमन (Yemen) में रहने वाला अल अमेरी और अल तेसी परिवार पिछले सात सालों से अमेरिकी सरकार के ड्रोन हमले झेल रहा है। साल 2013 में अल अमेरी और अल तेसी फैमिली के घर में शादी थी। इस शादी के सेलेब्रेशन के दौरान अमेरिकी सरकार के ड्रोन ने चार मिसाइलें लॉन्च की थी और जिससे इस जश्न में शामिल हुए 12 लोग मारे गए थे।

अगले 6-7 सालों में अल अमेरी और अल तेसी के परिवार से जुड़े कई लोग मर चुके हैं और आर्थिक तौर पर भी इन्हें काफी नुकसान हुआ है। इन लोगों के लिए साल 2017 इस मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक और त्रासदी भरा साबित हुआ था क्योंकि इस साल इन लोगों के परिवारों के करीब 24 लोग ड्रोन हमलों में मारे गए थे।

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अमेरिकी प्रशासन लगातार दावा करता रहा है कि ड्रोन हमलों (Drone Attack) के सहारे वे आतंकियों और उनके समर्थकों का खात्मा करना चाहते हैं। लेकिन अल अमेरी और अल तेसी के परिवार को बेकुसूर होने के बावजूद पिछले कई सालों से इन हमलों में अपनों की जान गंवानी पड़ रही है।

अब इन परिवारों ने 25 जनवरी को अमेरिकी सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की है। उन्होंने ये याचिका इंटर-अमेरिकन कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स के माध्यम से दायर की है। इस मामले में अल तेसी का कहना है कि अमेरिका के व्हाइट हाउस में नया प्रशासन आया है और हमें उम्मीद है कि वे इस मामले को नए सिरे से देखने की कोशिश करेंगे।

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हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हम निर्दोष हैं और हम चाहते हैं कि हमारे परिवारों और बच्चों ने पिछले कुछ सालों में जो त्रासदियां झेली हैं, उसे लेकर हमें इंसाफ मिले। अब भी हमारे घर और गांव में डर का माहौल है और हमारे बच्चे मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। हम इस मामले में सिर्फ पारदर्शी जांच चाहते हैं।

गौरतलब है कि साल 2002 में अमेरिका ने पहली बार यमन (Yemen) में ड्रोन स्ट्राइक किया था। उस दौरान अलकायदा का सीनियर लीडर एक गाड़ी में मौजूद था। सीआईए के डायरेक्टर ने लाइव वीडियो देखते हुए इस हमले का निर्देश दिया था और इस मिसाइल के हमले के बाद कार में मौजूद सभी लोग मारे गए थे जिनमें एक अमरीकी नागरिक भी था।

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इसके बाद कई सालों तक यमन में कोई ड्रोन स्ट्राइक नहीं हुआ। हालांकि, ओबामा (Obama) के कार्यकाल में यमन में ड्रोन हमलों में तेजी आई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 से 2014 के बीच 41 आतंकियों को मारने के लिए 1,000 से ज्यादा लोगों को ड्रोन हमलों में जान गंवानी पड़ी है।

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