चीन ने खुलेआम दी दुनिया को धमकी: ‘हमें धमकाने वाले देशों को मिलेगा करारा जवाब’- शी जिनपिंग

शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने कहा कि किसी को भी हमारी क्षमता को लेकर मुगालते में नहीं रहना चाहिए और चीनी लोग अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता व क्षेत्रीय अस्मिता की रक्षा करने में समर्थ हैं।

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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि विदेशी शक्तियां चीन को धमकाने या प्रभावित करने का प्रयास करती हैं तो उन्हें पलटकर करारा जवाब दिया जाएगा। राष्ट्रपति जिनपिंग ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बातें कही।

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक‚ चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग (Xi Jinping)  ने कहा कि चीन किसी भी देश को अपने बारे में किसी भी तरह के ‘पवित्र उपदेश’ की अनुमति नहीं देगा। इसे व्यापक तौर पर अमेरिका के लिए माना जा रहा है। शी ने कहा कि चीन अन्य देशों पर अत्याचार नहीं करता और उन्हें भी ‘हमें परेशान’ करने नहीं देगा। उन्होंने कहा‚ हमने कभी किसी अन्य देश के लोगों को परेशान‚ उत्पीडित या अपने अधीन नहीं किया है और न ही हम कभी ऐसा करेंगे।

वहीं‚ चीन विदेशी ताकतों को चीन के लोगों को परेशान‚ उत्पीडित करने या अपने अधीन कभी नहीं करने देगा। उन्होंने (Xi Jinping) आगाह किया कि अगर किसी ने भी ऐसा करने की कोशिश की तो उसे 1.4 अरब से अधिक चीनी लोगों की ‘स्टील’ की विशाल दीवार से टकराना होगा।

शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब चीन को कथित मानवाधिकारों के हनन और हांगकांग में इसकी कार्रवाई‚ विशेष रूप से लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ उठाए गए कदमों की व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में व्यापार‚ जासूसी और कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में जोरदार गिरावट आई है।

ताइवान का मसला भी दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख कारण है‚ जहां ताइवान खुद को अमेरिकी समर्थित एक संप्रभु राज्य के रूप में देखता है‚ जबकि चीन इसे अपने एक अलग प्रांत के रूप में देखता है। अमेरिकी कानूनों के अनुसार यदि चीन इस द्वीप को वापस लेने के लिए बल प्रयोग करता है तो अमेरिका को ताइवान को उसकी रक्षा के लिए साधन प्रदान करने की जरूरत है।

शी जिनपिंग (Xi Jinping) के मुताबिक, चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि के साथ जोड़े रखने के लिए एक ‘अटूट प्रतिबद्धता’ रखता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी हमारी क्षमता को लेकर मुगालते में नहीं रहना चाहिए और चीनी लोग अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता व क्षेत्रीय अस्मिता की रक्षा करने में समर्थ हैं।

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