कोरोना पर WHO ने जारी की चेतावनी, ओमीक्रॉन को अभी तक का सबसे खतरनाक वैरियंट बताया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जोर दिया कि जब तक वैज्ञानिक इस स्वरूप को बेहतर ढंग से समझने के लिए सबूत तलाश रहे हैं, तब तक देशों को जितनी जल्दी हो सके वैक्सीनेशन में तेजी लानी चाहिए।

Omicron

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया को आगाह किया कि शुरुआती जांच के आधार पर कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन (Omicron) से वैश्विक जोखिम ‘‘बहुत ज्यादा’’ दिख रहा है। उसने कहा कि रूप परिवर्तित कर चुके वायरस से ‘‘गंभीर परिणामों’’ के साथ मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस आकलन में सदस्य देशों को एक तकनीकी ज्ञापन जारी किया गया है जो नये स्वरूप के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सबसे मजबूत, सबसे स्पष्ट चेतावनी है। इस स्वरूप की पहचान कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने की थी।

यह चेतावनी दुनियाभर के कई देशों द्वारा स्वरूप की जानकारी देने और यात्रा प्रतिबंधों के रूप में कार्रवाई किए जाने के बीच आई है, साथ ही वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि परिवर्तित स्वरूप कितना खतरनाक हो सकता है।

गौरतलब है कि जापान ने घोषणा की है कि वह सभी विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा रहा है, वहीं इज़राइल ने भी यही फैसला किया है। मोरक्को ने देश आने वाली सभी उड़ानों पर बैन लगा दिया। अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्यों सहित अन्य देशों ने भी, दक्षिणी अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को प्रतिबंधित किया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि ओमीक्रॉन (Omicron) के बारे में “काफी अनिश्चितताएं” हैं। लेकिन उसने कहा कि प्रारंभिक साक्ष्य इस आशंका को बढ़ाते हैं कि स्वरूप में जो परिवर्तन हैं वह इसे प्रतिरक्षा-प्रणाली की प्रतिक्रिया से बचने और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

उसने कहा, ‘‘ इन लक्षणों के आधार पर, भविष्य में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह कई कारकों पर निर्भर होगा जिसमें यह भी शामिल है कि मामले किस जगह पर बढ़ रहे हैं। आकलन में समग्र वैश्विक जोखिम … बहुत अधिक बताया जाता है।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जोर दिया कि जब तक वैज्ञानिक इस स्वरूप को बेहतर ढंग से समझने के लिए सबूत तलाश रहे हैं, तब तक देशों को जितनी जल्दी हो सके वैक्सीनेशन में तेजी लानी चाहिए।

साभार: भाषा

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