अफगानिस्तान में तबाही मचाकर वापस लौटे पाक आतंकी और हथियार, ISI को तालिबान ने लौटाया हथियार भरे कई ट्रक

पाकिस्तान द्वारा तालिबान (Taliban) की मदद के लिए भेजे गए हथियार ही मौजूद थे। जो कि असल में तालिबान की मदद करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने भारी संख्या में तालिबानी लड़ाकों को भेजे थे।

Taliban

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और तालिबानी साठ–गांठ भारतीय सुरक्षा एजेंसी के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है। ये अलग बात है कि तालिबान (Taliban) फिलहाल भारत के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहा है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा सिर्फ खाड़ी देशों के लिए मुसीबत नहीं है‚ बल्कि भारत के लिए भी चिंता का सबब बन गया है। इस रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा बढ़ाने की नई रणनीति पर मंथन हो रहा है। इस बीच भारत की चिंता बढ़ाने वाली खबर ये है कि पिछले सप्ताह हथियारों से भरा एक ट्रक पाकिस्तान आते हुए देखा गया है।

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खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रक में पाकिस्तान द्वारा तालिबान (Taliban) की मदद के लिए भेजे गए हथियार ही मौजूद थे। जो कि असल में तालिबान की मदद करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने भारी संख्या में तालिबान को भेजे थे। जिनकी मदद से ही अफगान सेना को तालिबान ने कम समय में ही घुटने पर ला दिया था। अब जब काम पूरा हो चुका है‚ ऐसे में तालिबान उन्हीं हथियारों को पाकिस्तान को वापस दे रहा है।

खुफिया सूत्रों के अनुसार, 18 से 20 अगस्त के बाद से सैकड़ों की संख्या में हथियारों से भरे ट्रकों को अफगानिस्तान–पाकिस्तान बॉर्डर पर देखा गया है। उन तमाम ट्रकों को पाकिस्तान में एंट्री भी लेते हुए देखा गया है। सूत्रों ने पहले भी इस बात की उम्मीद जताई थी कि तालिबान (Taliban) को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) मदद कर रही है और अफगानी सुरक्षाबलों पर उन्हें हमले के लिए तैयार किया जा रहा है।

यही नहीं‚ पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आठ हजार से भी ज्यादा आतंकियों (Terrorists) की मूवमेंट अफगानिस्तान की तरफ जाते देखी गई थी‚ जो तालिबान (Taliban) के साथ मिलकर अफगानिस्तान के सुरक्षाबलों पर हमले कर रहे थे। अब वे आतंकी भी फ्री हो गए हैं और आईएसआई (ISI) भारत के खिलाफ उनका इस्तेमाल कर सकती है।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अब खतरा इस बात की है कि कहीं आईएसआई (ISI) इन हथियारों को कश्मीर में आतंक परस्त आतंकियों तक न पहुंचा दे, जिसकी आशंका ज्यादा है। यदि ऐसा ही हुआ तो घाटी में माहौल फिर अशांत हो सकता है और आतंकियों (Terrorists) के हौसले बुलंद हो सकते हैं। पिछले कुछ सालों में जम्मू–कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए कई आतंकियों के पास से मेड इन अमेरिका हथियार बरामद हो चुके हैं। लिहाजा घाटी के लिए चिंताजनक बात है।

खुफिया एजेंसियों ने पहले इस बात की आशंका जाहिर की थी कि ये हथियार अफगानिस्तान से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों (Terrorists) तक पहुंचाए जा रहे हैं। अब जब हजारों की संख्या में अमेरिकन असॉल्ट राइफल‚ ग्रेनेड और कई सर्विलांस सिस्टम तालिबान के हाथ लग चुके हैं‚ ऐसे में अब इनका भारत के खिलाफ इस्तेमाल होगा‚ इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।

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