अभिनेता ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं रहे, मुंबई के अस्पताल में तोड़ा दम

ऋषि (Rishi Kapoor) की हालत बुधवार शाम को ही बिगड़ गई, सांस लेने में तकलीफ के बाद उनको मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली। 

Rishi Kapoor

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का आज सुबह मुंबई के एचएन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में निधन हो गया। ऋषि कपूर के दोस्त अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपने ट्विटर पर इस बात की जानकारी साझा की। ऋषि कपूर काफी दिनों से कैंसर से पीड़ित थे और एक साल तक वो अमेरिका में रहकर इलाज कराने के बाद हालही में भारत लौटे थे। ऋषि (Rishi Kapoor) की हालत बुधवार शाम को ही बिगड़ गई, सांस लेने में तकलीफ के बाद उनको मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली। 

बॉलीवुड में कपूर खानदान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दशकों से फिल्म उद्योग के विकास में इस परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पृथ्वीराज कपूर से लेकर नए अभिनेता रणबीर कपूर तक सभी हिंदी सिनेमा के पर्याय रहे हैं। राज कपूर के दूसरे बेटे ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आश्चर्यजनक योगदान दिया है। ऋषि कपूर को उनके परिवार और दोस्त चिंटू के नाम से भी जानते हैं। ऋषि हमेशा एक्टिंग के प्रति उत्साहित रहे। वह अपने बेडरूम में शीशे के सामने एक्टिंग किया करते थे। उनका शानदार प्रदर्शन उनकी पहली फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में ही सामने आ गया था और इस फिल्म ने उन्हें एक्टिंग की दुनिया में स्थापित कर दिया। उसके बाद इस प्रतिभावान कलाकार ने विभिन्न फिल्मों में कई प्रकार की भूमिकाएं कीं और अपने प्रशंसकों को आश्चर्यचकित कर दिया।

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ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का जन्म 4 सितंबर, 1952 को ऐतिहासिक कपूर परिवार में हुआ। वह प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक राज कपूर के दूसरे बेटे थे। उनके भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर भी प्रसिद्ध अभिनेता रह चुके हैं। उन्होंने जानी-मानी अभिनेत्री नीतू सिंह से शादी की। ऋषि कपूर ने नीतू सिंह के साथ कई हिट फिल्में दीं और 1980 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। उनके दो बच्चे रणबीर कपूर और रिद्धिमा कपूर हैं। 

ऋषि कपूर  (Rishi Kapoor) ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तब की जब वह किशोरावस्था में ही थे। उन्होंने बाल कलाकार के तौर पर फिल्म मेरा नाम जोकर (1970) में अपने पिता के बचपन की भूमिका के साथ फिल्मी करियार की शुरुआत की। ‘मेरा नाम जोकर’ के बाद उन्होंने अपने पिता की घरेलु फिल्म ‘बॉबी’ (1973) में डिंपल कापड़िया के साथ मुख्य भूमिका निभाई। इस फिल्म को खासकर युवा दर्शकों को काफी प्रसिद्धी मिली। किसी भी नए कलाकार के लिए लगातार दो हिट फिल्म देना ही उसे फिल्मी दुनिया में स्थापित करने के लिए काफी है। आनुवांशिक रूप से उनमें अभिनय क्षमता होने के साथ ही सृजनात्मक क्षमता होने के कारण जल्द ही फिल्मी दुनिया में उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत कर ली।

इसके बाद इस कलाकार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ऋषि (Rishi Kapoor)  ने अधिकतर फिल्मों में ‘लवर बॉय’ की भूमिका की और फिल्मों मे उनकी यही छवि बन गई। 1970 के दशक में युवाओं के दिलों  की धड़कन हुआ करते थे। हालांकि इस अभिनेता ने बहुत परिपूर्ण शुरुआत की थी, लेकिन वह एंग्री यंगमैन की छविवाले अमिताभ बच्चन के सामने नहीं टिक पाए और अमिताभ उनसे आगे निकल गए। हालांकि बाद में उन्होंने श्रीदेवी साथ ‘नागिन’ और ‘चांदनी’ और अपनी होम प्रोड्क्शन फिल्म ‘हिना’ जैसी फिल्मों से शानदार वापसी की, लेकिन वह अपनी लवर बॉय वाली इमेज को बरकरार नहीं रख पाए।

ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने चिंटू जी फिल्म में अभिनय किया, जिसमें उन्होंने अपने ही करिदार को निभाया। इस फिल्म में राज कपूर, उनके पिता पृथ्वीराज कपूर, उनकी माता, उनकी पत्नी और ‘चांदनी’, ‘मेरा नाम जोकर’ जैसी उनकी पहले की प्रसिद्ध फिल्मों के अलावा अन्य फिल्मों के बारे में बताया गया। 

उन्हें (Rishi Kapoor)  फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के लिए ‘बीएफजेए स्पेशल अवॉर्ड’, बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला। फिल्म ‘बॉबी’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिला। लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए ‘जी सिने अवॉर्ड’, सन् 2007 में ‘महा स्टाइल आइकन ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया गया, जबकि 2008 में ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ और ‘फिक्की लिविंग लीजेंड इन इंटरटेनमेंट अवॉर्ड’ से भी नवाजा गया। 2008 में ही 10वें मुंबई अकेडमी ऑफ द मूविंग इंटरनेशनल फिल्म में ‘लाइफटाइम (एम ए एम) अटीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। सिनेमा में विशेष योगदान के लिए रूस की सरकार ने उन्हे 2009 में सम्मानित किया।

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