असम में उग्रवादियों के साथ हुए संघर्ष में शहीद हुए उत्तराखंड के जवान संजय चंद, पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल

उत्तराखंड के लाल और भारतीय सेना के जवान संजय चंद असम में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। वह मूल रूप से मूनाकोट ब्लॉक के तोली गांव के निवासी थे।

Sanjay Chand

शहीद जवान (Sanjay Chand) की पोस्टिंग दो कुमाऊं रेजीमेंट में थी। वह महज 32 साल के थे। असम के निनसुकिया बॉर्डर पर उग्रवादियों से हुए संघर्ष में उन्हें गोली लगी।

मूनाकोट: उत्तराखंड के लाल और भारतीय सेना के जवान संजय चंद (Sanjay Chand) असम में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। वह मूल रूप से मूनाकोट ब्लॉक के तोली गांव के निवासी थे। उनकी शहादत की खबर सुनकर गांव में शोक छा गया है।

शहीद जवान (Sanjay Chand) की पोस्टिंग दो कुमाऊं रेजीमेंट में थी। वह महज 32 साल के थे। असम के निनसुकिया बॉर्डर पर उग्रवादियों से हुए संघर्ष में उन्हें गोली लग गई थी।

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम के सीमाई इलाके हैं नक्सलियों के सेफ जोन, ऐसे बच निकलते हैं नक्सली

जवान के शहीद होने की खबर सुनकर उनकी मां गंगा देवी और पत्नी दीपिका का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के चाचा ने बताया कि सेना की तरफ से उन्हें ये जानकारी दी गई कि जवान संजय चंद निनसुकिया बार्डर पर गोली लगने से शहीद हो गए हैं।

शहीद संजय के 2 बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी अक्षिता 5 साल और बेटा सारांश 4 साल का है। शहीद के भाई ललित चंद भी लखनऊ में सेना में तैनात हैं और उनके बड़े भाई निरंजन लखनऊ में ही प्राइवेट जॉब में हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें