उत्तराखंड: शहीद जवान हयात सिंह महर का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, उग्रवादियों ने किया था किडनैप

हयात सिंह (Hayat Singh Mehar) मणिपुर में शहीद हुए थे और मूल रूप से खटीमा के झनकट के निवासी थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

Hayat Singh Mehar

हयात सिंह (Hayat Singh Mehar) मणिपुर में शहीद हुए थे और मूल रूप से खटीमा के झनकट के निवासी थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

देहरादून: उत्तराखंड के लाल और असम राइफल्स के हवलदार हयात सिंह महर का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके निवास स्थान झनकट पहुंचा। उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ बनबसा शारदा घाट पर किया गया।

बता दें कि हयात सिंह मणिपुर में शहीद हुए थे और मूल रूप से खटीमा के झनकट के निवासी थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

हवलदार हयात सिंह महर (Hayat Singh Mehar) 48 साल के थे और 31 असम राइफल्स में मणिपुर में तैनात थे। उनके पिता त्रिलोक सिंह का पहले ही निधन हो चुका है।

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हयात सिंह का परिवार झनकट की डिफेंस कॉलोनी में रहता है। उनका शव बुधवार तड़के निवास स्थान पर पहुंचा।

असम राइफल्स के सूबेदार पूरन सिंह ने बताया कि शहीद हयात सिंह का उल्फा उग्रवादियों ने 12 जुलाई को अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर मिला था।

शहीद हवलदार महर के घर में उनकी पत्नी चंद्रा महर, बेटी रेखा (21) और बेटा अमित सिंह महर (18) है। शहीद की बेटी रेखा बीएससी और बेटा अमित बीटेक की पढ़ाई कर रहा है।

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