Uttarakhand Glacier Burst: तबाही के बाद करीब 153 लोग लापता, बचाव कार्य जारी; जानें अपडेट

Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से तबाही मची हुई है। ग्लेशियर टूटने से प्लांट, बांध, पुलों को नुकसान पहुंचा और सैकड़ों लोग बह गए।

Uttarakhand Glacier Burst

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ग्लेशियर टूटने (Uttarakhand Glacier Burst) की घटना के कारण NTPC का तपोवन प्रोजेक्ट, ऋषि गंगा हाइडेल प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।

Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से तबाही मची हुई है। ग्लेशियर टूटने से प्लांट, बांध, पुलों को नुकसान पहुंचा और सैकड़ों लोग बह गए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 14 लोगों के शवों को निकाल लिया गया है। DGP के मुताबिक, करीब 153 लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ITBP के अलावा SDRF, NDRD, तीनों सेनाएं और अन्य सभी एजेंसियों को लगा दिया गया है। मुख्य फोकस फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने पर है, साथ ही जन-जीवन को फिर से पटरी पर लाने पर है।

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जानकारी के अनुसार, पावर प्रोजेक्ट की टनल में फंस चुके करीब 16 लोगों को बीते दिन निकाला गया है। इसके अलावा ITBP के जवानों ने करीब 25 लोगों को सुरक्षित निकाला है।

भीषण तबाही होने के कारण करीब एक दर्जन से अधिक गांवों से संपर्क टूट चुका है। 8 फरवरी की सुबह तक पानी का बहाव तो काफी कम हुआ है, लेकिन कुछ स्थानों पर झील जैसी स्थिति बन चुकी है। तपोवन प्रोजेक्ट के पास काफी पानी, मलबा हो गया है। यहां से करीब 16 लोगों को अभी निकाला गया है, लेकिन काफी लोगों को निकाला जाना बाकी है। ITBP के जवान यहां सुरंग से लोगों को निकालने में जुटे हैं।

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बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने (Uttarakhand Glacier Burst) की घटना के कारण NTPC का तपोवन प्रोजेक्ट, ऋषि गंगा हाइडेल प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। जो लोग घायल हुए हैं, उनमें यहां पर काम करने वाले मजदूर-कर्मचारी ही अधिक संख्या में हैं।

सरकार के मुताबिक, ऋषि गंगा हाइडेल प्रोजेक्ट तो पूरी तरह से खत्म हो गया है। उत्तराखंड के बाद यूपी और अन्य इलाकों में गंगा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। दरअसल, बीते दिन अचानक गंगा, अलकनंदा और अन्य सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया था।

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बता दें कि हादसा होने के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से वीडियो और तस्वीरें आने लगीं। इसके बाद पूरे उत्तराखंड में अलर्ट कर दिया गया। साथ ही यूपी समेत गंगा से लगे सभी क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तुरंत मौके पर पहुंचे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बंगाल-असम में रहते हुए चार बार फोन कर जानकारी ली।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि गृह मंत्रालय की पूरी नजर स्थिति पर बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मृतकों के परिजनों को 2 लाख, मुख्यमंत्री की ओर से चार लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया गया है।

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उत्तराखंड (Uttarakhand) की सरकार ने ग्लेशियर कैसे टूटा (Uttarakhand Glacier Burst) इसकी जांच करने का भी निर्देश दिया है, क्योंकि मौसम साफ था, बाकी किसी तरह की कोई प्राकृतिक चेतावनी भी नहीं थी। ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा इस विषय में जांच की जाएगी।

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