उत्तर प्रदेश को मिलेगा तीसरा उपमुख्यमंत्री! इस वजह से लगाई जा रही हैं अटकलें

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को एक और उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) मिल सकता है। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी के भी भाजपा में शामिल होने चर्चा जोरों पर है।

Uttar Pradesh

फाइल फोटो।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  में विधान परिषद चुनाव में 12 सीटों पर 28 जनवरी को होने वाले मतदान के बाद योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को एक और उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) मिल सकता है। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी के भी भाजपा में शामिल होने चर्चा जोरों पर है। अपना कार्यकाल 2 साल बाकी रहते वीआरएस लेने वाले इस अधिकारी को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का बेहद खास माना जाता है। कहा जा रहा है कि राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तीसरे मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग सकती है।

भाजपा को एक और उप मुख्यमंत्री की तलाश है जो राज्य के जातीय समीकरण में फिट बैठे। दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  में विधान परिषद चुनाव में 12 सीटों पर 28 जनवरी को होने वाले मतदान के बाद योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं। फरवरी के दूसरे हफ्ते में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है।

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अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसी दौरान एक और डिप्टी सीएम को शपथ भी दिलाई जाएगी। बता दें कि फिलहाल केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं।

इस बीच गुजरात कैडर के 1988 बैच के आइएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ने सबको चौंका दिया है। अरविंद कुमार शर्मा के अचानक सरकारी नौकरी को छोड़ने के पीछे एक सोची-समझी रणनीति बताई जा रही है। अरविंद कुमार शर्मा को यूपी में विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।

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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव शर्मा ने जुलाई, 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। निर्धारित समय से पहले सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वे पिछले अप्रैल से एमएसएमई (MSME) में सचिव के रूप में तैनात थे। शर्मा ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ गुजरात में भी सीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम किया।

जब 2001 से नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला तो वह मोदी के साथ लंबे समय तक सेवा देने वाले नौकरशाहों में एक थे। अरविंद को वहां मुख्यमंत्री के सचिव का पद मिला और साल 2013 में उनको पदोन्नत कर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई।

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नरेंद्र मोदी जब साल 2014 में प्रधानमंत्री बने तो अरविंद को भी अपने साथ प्रधानमंत्री कार्यालय लाना नहीं भूले। जून, 2014 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव बना दिया गया। वर्तमान में अरविंद शर्मा लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात थे।

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शर्मा ने 11 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। इसके बाद से गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) तक का राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं। माना जा रहा है कि अरविंद शर्मा की दूसरी पारी राजनीतिक क्षेत्र में शुरू हो सकती है। अरविंद कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में तीसरे उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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