कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी वैक्सीन पर अमेरिका नहीं करता भरोसा, यहां स्टडी करनी है तो दोबारा कराना होगा वैक्सीनेशन, जानें वजह

अमेरिका को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी पर भरोसा नहीं है। शायद यही वजह है कि वहां पढ़ने वाले वे छात्र जिन्होंने ये वैक्सीन लगवाई है उन्हें दोबारा वैक्सीन लगाने का लिए का जा रहा है।

Coronavirus Vaccine

ऐसे छात्र जो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवैक्सीन (Covaxin) और स्पुतनिक-V (Sputanik-V) की दोनों डोज ले चुके हैं, उनसे अमेरिका आने पर फिर से वैक्सीन लगवाने को कहा गया है।

अमेरिका को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी पर भरोसा नहीं है। शायद यही वजह है कि वहां पढ़ने वाले वे छात्र जिन्होंने ये वैक्सीन लगवाई है उन्हें दोबारा वैक्सीन लगाने का लिए का जा रहा है। इसकी वजह ये है कि इन वैक्सीन को अभी तक डब्ल्यूएचओ से एप्रूवल नहीं मिला है। 

ऐसे लाखों छात्राएं और छात्र हैं जो कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V की दोनों डोज ले चुके हैं, लेकिन उनसे अमेरिका आने पर फिर से वैक्सीन लगवाने को कहा गया है। ऐसे में छात्रों में अब ये डर भी सता रहा है कि दो अलग-अलग वैक्सीन लगवाना कितना सेफ होगा? हालांकि, अभी इस बारे में कोई भी एक्सपर्ट या डॉक्टर ये नहीं कह रहे हैं कि दोबारा वैक्सीन लगवाना कितना सेफ होगा।

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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च से लेकर अब तक अमेरिका की 400 से ज्यादा यूनिवर्सिटी ऐसा आदेश जारी कर चुकी हैं जिसमें ऐसे स्टूडेंट्स को दोबारा वैक्सीन लगवाने को कहा गया है जिन्होंने कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V लगवाई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों ही वैक्सीन को अभी तक डब्ल्यूएचओ की तरफ से एप्रूवल नहीं मिला है।

गौरतलब है कि अब तक 8 कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें अमेरिका की तीन वैक्सीन- फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के अलावा कोविशील्ड और चीन के साइनोवैक भी शामिल है।

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बता दें कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक तिहाई छात्र विदेशी हैं। यूनिवर्सिटी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डोना लिन ने एनवाईटी को बताया है कि विदेशी छात्रों को डब्ल्यूचओ से एप्रूव्ड वैक्सीन लगवाने का सर्टिफिकेट पेश करने को कहा गया है।

मुश्किल ये है कि जो लोग कोवैक्सीन या स्पुतनिक-V की दोनों डोज ले चुके हैं, दोबारा से दूसरी वैक्सीन लगवाना कितना सेफ होगा, इस बात का अभी कोई डेटा नहीं है।

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न्यूयॉर्क टाइम्स को अमेरिकी सीडीसी की प्रवक्ता क्रिस्टन नोर्डलंड ने बताया कि अभी तक दो अलग-अलग वैक्सीन की इफेक्टिवनेस को लेकर कोई स्टडी नहीं की गई है। हालांकि, वो ये सलाह देती हैं कि जो छात्र वैक्सीनेट हो चुके हैं और उन्हें फिर से डब्ल्यूएचओ एप्रूव्ड वैक्सीन लगवानी है तो कम से कम 28 दिन का गैप रखना चाहिए।

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