चीन की अब खैर नहीं, एलएसी पर चीनी अतिक्रमण के खिलाफ अमेरिका ने एक नया कानून बनाया

भारत और चीन (China) के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध जारी है। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों ही देशों के बीच कई चरणों की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस रिजल्ट निकलकर सामने नहीं आया है।

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अमेरिकी सदन में पारित एक नेशनल डिफेंस विधेयक अब कानून बन चुका है। जिसमें भारत के प्रति चीन (China) के आक्रामक रुख की निंदा की गई है। इस दौरान अमेरिकी सदन ने 740 अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा नीति विधेयक पर ट्रंप (President Trump) के वीटो को भी खारिज कर दिया। इस विधेयक में कई दूसरे मुद्दों के साथ भारतीय सीमा पर चीन के अतिक्रमण करने की नीति की निंदा शामिल है।

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अमेरिकी के नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ (The National Defence Authorisation Act) अब कानून बन चुका है। इसमें एक ऐसा भी प्रस्ताव है जिसके तहत चीन सरकार (China) से अपील की गई कि वो बॉर्डर पर भारत के प्रति सैन्य आक्रामक रुख को समाप्त करे।

दरअसल राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप (President Trump) ने 23 दिसंबर को इस विधेयक के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया था। हालांकि इस विधेयक को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सांसदों का समर्थन हासिल हुआ। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का अपने वीटो के समर्थन में ये कहना था कि इस विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं, जिससे अमेरिकी सुरक्षा को खतरा है।

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने इस मौके पर बताया कि ‘आज नए साल के अवसर पर सदन में वोट के साथ संसद ने नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट को कानून बना दिया है। इसमें मेरे प्रस्ताव की कुछ बातें भी शामिल हैं जिसमें चीन (China) से भारत के प्रति और हिंद-प्रशांत इलाके में आक्रामक रुख समाप्त करने के लिए कहा गया है।’

गौरतलब है कि भारत और चीन (China) के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध जारी है। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों ही देशों के बीच कई चरणों की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस रिजल्ट निकलकर सामने नहीं आया है।

वहीं अमेरिका में पारित इस कानून में सीमा पर भारत के प्रति लगातार आक्रामक रुख रखने को लेकर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की गई है। एनडीएए में कहा गया है कि चीन को ‘भारत के साथ मौजूदा राजनयिक विकल्पों के जरिए तनाव कम करने कोशिश करनी चाहिए, साथ ही किसी तरह की सैन्य कार्रवाई से बचना चाहिए।

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