सेना का फर्जी अधिकारी बनकर ये शख्स कर रहा था ठगी, यूपी एसटीएफ ने रंगे हाथों धर-दबोचा

आरोपी आनंद ने अपनी शादी भी धोखे से की थी और इस सिलसिले में उसकी पत्नी ने ही उसके खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कराया है। आनंद के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

Indian Army

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष टीम ने (STF) ने सेना का अधिकारी बनकर भारतीय सेना (Indian Army) में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शख्स का नाम आनंद कुमार है और उस पर करीब 10 लोगों को धोखा देने का आरोप है।

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यूपी एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार खुद को सेना में कैप्टन बता कर लोगों को भारतीय सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी आनंद कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी को एसटीएफ ने वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया।

सूत्रों के अनुसार, आरोपी आनंद के पास से सेना की वर्दी, कैप्टन की वर्दी पहनकर खिंचवाई गई तस्वीर, पांच मुहर, पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयन की झूठी खबर की पेपर कटिंग और कुछ अन्य सामान बरामद किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ और गुप्त सूत्रों से पता चला है कि आनंद लॉ की पढ़ाई करता है। उसने साल 2008 में सेना (Indian Army) में सिपाही की नौकरी के लिए कोशिश की थी, लेकिन असफल हो गया था। इसके बाद उसने बेरोजगार नौजवानों को सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की साजिश रची।

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, आरोपी आनंद ने अपनी योजना के अनुसार ही पहले सेना के कैप्टन की वर्दी बनवायी और अपने आस-पास के लोगों को विश्वास दिलाया कि वह भारतीय सेना (Indian Army) में कैप्टन है। इसके बाद उसने वाराणसी के भिटारी गांव के रहने वाले अमरनाथ यादव और कुछ अन्य नौजवानों को बहला-फुसलाकर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसी तरह उसने कुल  7 लोगों से 14 लाख रुपए ऐंठ लिए।

सूत्रों के मुताबिक आनंद ने सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या नामक अभ्यर्थियों से भी भर्ती के नाम पर 10 लाख रुपए लिए। इसके अलावा उस पर सेना की कैंटीन से डेढ़ लाख रुपए का सामान निकालने के नाम पर भी ठगी करने का आरोप लगा है।

सूत्रों के अनुसार, आनंद की पत्नी और आस-पास के लोगों को उसके फर्जी कैप्टन होने का संदेह होने लगा। इसी दौरान साल 2020 में पीसीएस-2017 का रिजल्ट आया था, जिसमें वाराणसी के ही रहने वाले किसी आनंद कुमार की 62वीं रैंक आई और उसे पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति मिली थी। इसकी जानकारी होने पर आनंद ने अपने नाम का फायदा उठाया और न्यूजपेपर के ऑफिस में जाकर अपनी तस्वीर व पता देकर समाचार छपवाया कि उसकी पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नौकरी लगी है। इसके बाद वह सेना का कैप्टन और पुलिस उपाधीक्षक बनकर ठगी करने का प्रयास करने लगा।

सूत्रों के मुताबिक, आनंद ने अपनी शादी भी धोखे से की थी और इस सिलसिले में उसकी पत्नी ने ही उसके खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कराया है। आनंद के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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