
राजकीय सम्मान के साथ विकास (Vikas Kumar) का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यूपी के कैबिनेट मंत्री समेत कई राज्य मंत्री, विधायक, डीएम और एसपी मौजूद रहे।
मुजफ्फरनगर: छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट विकास कुमार सिंघल (Vikas Kumar) का पार्थिव शरीर मुजफ्फरनगर के पैतृक घर पचेंडा गांव पहुंचा। जवान का शव गांव में पहुंचते ही लोगों ने ‘हिन्दुस्तान जिन्दाबाद’, ‘भारत माता की जय’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा विकास तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगाए।
इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ विकास (Vikas Kumar) का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यूपी के कैबिनेट मंत्री समेत कई राज्य मंत्री, विधायक, डीएम और एसपी मौजूद रहे।
इस मौके पर शहीद के परिजनों और उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद की पत्नी ने ये भी कहा कि अगर समय रहते विकास को इलाज मिल जाता, तो शायद आज वे जिंदा होते। शहीद की पत्नी ने कहा कि लैंडमाइन पर पैर आने से वह घायल हुए थे।
शहीद की पत्नी ने कहा कि अगर सीआरपीएफ उन्हें नक्सलवाद से लड़ने का मौका देगी तो वह जरूर नक्सलवाद से लड़ेंगी।
बता दें कि नक्सली हमले में शहीद विकास सिंघल सेना में जाने से पहले प्रोफेसर थे। उन्होंने मुजफ्फरनगर के ही देव डिग्री कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढ़ाया था और 3 साल तक वो बच्चों को पढ़ाते रहे। इसके बाद ही उन्होंने सेना में जाने का मन बनाया था।
विकास साल 2008 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती छत्तीसगढ़ के सुकमा में थी। बीते दिनों वह अपनी टीम के साथ नक्सली क्षेत्र में गश्त कर रहे थे, तभी वह घायल हुए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
विकास ने 8 साल पहले ही लव मैरिज की थी। उनके परिवार में मां-बाप, एक भाई, पत्नी और एक बेटा-बेटी हैं। विकास 6 महीने पहले ही छुट्टी पर घर आए थे। लेकिन इस बार जब आए तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि वह अब कभी उन्हें नहीं देख पाएंगे।
इस दौरान यूपी के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक दिया। उन्होंने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और गांव में शहीद के नाम से मार्ग बनाने की घोषणा की।
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