UN में पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दा उठाना पड़ा महंगा, भारत ने जमकर लताड़ा

यूएन (UN) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान के बयान में झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने यहां के अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था।

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संयुक्त राष्ट्र (UN) में 26 सितंबर को राइट टू रिप्लाई में इंडिया मिशन के फर्स्ट सेक्रेट्री मिजितो विनितो ने कहा कि कश्मीर पर अब सिर्फ पीओके की ही चर्चा बची है और पाकिस्तान इस अवैध कब्जे को खाली करे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) को भारतीय प्रतिनिधि (Indian Delegate) के द्वारा विरोध का सामना करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संबोधन में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया।

इमरान खान के कश्मीर पर झूठ को खारिज करते हुए भारत ने 26 सितंबर को स्पष्ट कर दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र (UN) में 26 सितंबर को राइट टू रिप्लाई में इंडिया मिशन के फर्स्ट सेक्रेट्री मिजितो विनितो ने कहा कि कश्मीर पर अब सिर्फ पीओके की ही चर्चा बची है और पाकिस्तान इस अवैध कब्जे को खाली करे।

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भारत की ओर से पाकिस्तान को जवाब देते हुए मिजितो विनितो ने कहा, “पाकिस्तान के नेता ने आज कहा कि ऐसे लोग जो नफरत और हिंसा फैलाने का काम करते हैं, उन्हें गैर-कानूनी घोषित कर देना चाहिए। मगर उन्होंने जब ऐसा कहा तो हमें काफी हैरानी हुई, क्या वह खुद का ही जिक्र कर रहे थे?”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मिजितो विनितो ने आगे कहा, “इस हॉल ने आज एक ऐसे व्यक्ति को (पाकिस्तान के पीएम को) लगातार सुना है जिसके पास खुद की ओर से दिखाने के लिए कुछ नहीं था, जिसके पास कोई ऐसी उपलब्धि नहीं, जिस पर वह बात कर सके, न ही उसके पास दुनिया को देने के लिए कोई सुझाव नहीं है। इसके बदले हमने देखा कि इस असेंबली के जरिए झूठ, गलत खबरें, युद्ध की धमकी और द्वेष फैलाने का काम किया गया।”

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उन्होंने पाकिस्तान पर आगे और प्रहार किया और कहा, “यह वही देश है, जो खूंखार और लिस्टेड आतंकियों को राज्य फंड से पेंशन देता है। जिस नेता को आज हमने सुना, ये वही शख्स है, जिसने जुलाई महीने में अपनी संसद की एक बहस के दौरान आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद कहा था।”

संयुक्त राष्ट्र में मिजितो विनितो ने आगे कहा, “जिस नेता ने आज फिर जहर उगला है, ये वही हैं, जिन्होंने साल 2019 में अमेरिका में सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार किया था कि उनके देश में अभी भी 30-40 हजार आतंकवादी मौजूद हैं, जो पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित हैं और अफगानिस्तान और भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में लड़ाई (आतंक फैला रहे) लड़ रहे हैं।”

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उन्होंने स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान को जवाब दे दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। कश्मीर को लेकर अब जो भी विवाद बचा है, वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर है। हम पाकिस्तान को कहते हैं कि वह उन इलाकों को खाली करे, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है।

इससे पहले, इमरान खान ने अपने संबोधन में कश्मीर मसले पर भारत के खिलाफ जहर उगला था। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच पर भारत के खिलाफ झूठ का अंबार खड़ा कर दिया, जिसके जवाब में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इमरान खान के संबोधन का बहिष्कार कर दिया।

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पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ बयान और कश्मीर मुद्दा उठाने के मुद्दे पर भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने इमरान खान के भाषण का बहिष्कार किया। अपने भाषण की शुरुआत करते ही इमरान खान ने जमकर झूठ बोले। उन्होंने कहा, ”आरएसएस गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़ भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।”

जैसे ही भाषण के लिए इमरान खान का नाम लिया गया वैसे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सभा से उठ कर बाहर चले गए। भारत ने यह बहिष्कार पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मुद्दा उठाने और भारत के खिलाफ बयान देने को लेकर किया। इसके बाद यूएन (UN) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया।

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उन्होंने कहा कि इमरान खान के बयान में झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने यहां के अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था। राइट टू रिप्लाई में जवाब दिया जाएगा। बता दें कि कोरोना काल में इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) का आयोजन वर्चुअली हो रहा है।

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